गोण्डाः गन्ने की फसलों के साथ सहफसली की खेती करने के लिए गन्ना विकास अनुसंधान परिषद ने गन्ना बुवाई की एक नई तकनीक इजाद की है. इस विधि का नाम रिंग पिट विधि है. इसमें 70 से 80 सेंटीमीटर व्यास में लगभग 1 फीट गहरे गड्ढे खोदकर चक्र की तरह आकृति में गन्ने की बुवाई करते हैं. एक गड्ढे से दूसरे गड्ढे की दूरी 5 फिट होती है. गन्ना बुवाई के बाद उसमें 3 सेंटीमीटर तक मिट्टी ऊपर डाल जाते हैं फिर सिंचाई करते हैं.
यूट्यूब चैनल के माध्यम से किसान ले रहे जानकारी
जिले में तैनात गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह इस तकनीक को बढ़ावा दे रहे हैं. साथ ही यूट्यूब चैनल बनाकर किसानों को गन्ने की खेती के बेहतर तरीके सिखाने में मदद कर रहे हैं. यूट्यूब चैनल के माध्यम से देश ही नहीं बल्कि विदेशों के किसान भी जानकारी लेकर बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों का मानना है इस विधि से गन्ना बुवाई करने से 100 से 150 कुंतल प्रति बीघा तक का उत्पादन होता है, जबकि किसान अभी तक जो परंपरागत बुवाई करते हैं. उस विधि से गन्ना बोने पर 60 से 70 कुंटल उत्पादन होता है. ऐसे में किसानों को दोहरा मुनाफा मिलता है, जो किसी वरदान से कम नहीं है. कृषि वैज्ञानिकों का तर्क है कि जो खाद पानी हम सह फसलों को देते हैं, उसके साथ-साथ गन्ने का भी विकास होता है.