गोंडा:सूफ़ियों की साधना की यह तहज़ीब हिंदू-मुस्लिम एकता का माहौल तैयार करने में मदद करती है. इसी परम्परा के संवाहक और देश, प्रदेश में मशहूर 86 वर्षीय सूफी संत हजरत महबूब मीनाशाह बाबा ने शुक्रवार दोपहर इस दुनिया को अलविदा कह दिया. शोक संवेदनाओं का सिलसिला जारी है. वृद्धावस्था और खराब स्वास्थ्य के कारण शुक्रवार को हजरत महबूब मीनाशाह बाबा का देहावसान हो गया. उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए दरबार-ए-मीनाईया आलिया में रखा गया है, पार्थिव शरीर को शनिवार दोपहर 2ः00 बजे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है. उनके निधन की खबर मिलते ही गोंडा जिला समेत अनेक जिलों के राजनेता, धर्मगुरु, प्रशासनिक अफसर और हजारों की संख्या में बाबा के चाहने वाले भी आस्ताने आलिया मीनाइया पहुंचे हैं. हजरत महबूब मीनाशाह के देहावसान पर गोंडा के भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह, कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह, सदर विधायक प्रतीक भूषण सिंह, पूर्व मंत्री विनोद कुमार सहित तमाम राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, शिक्षाविदों, अधिकारियों, बुद्धिजीवियों व सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगों पहुंचकर शोक प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है.
22 साल पूर्व की एमएसआइटी की स्थापना
बाबा मीनाशाह ने आध्यात्म के साथ ही तालीम को भी उंचाइयों तक पहुंचाया और आध्यात्मिक परिसर में ही आलीशान शैक्षिक संस्थान स्थापित किया. उन्होंने जनपद में शिक्षा के साथ साथ व्यवसायिक शिक्षा की जो अलख जगाई है वह जनपद वासियों के लिए किसी अमूल्य निधि से कम नहीं है. यहां सभी धर्म सम्प्रदाय से ताल्लुक रखने वाले हजारों छात्र दीनी तालीम के साथ तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.