गोण्डा: प्रदेश सरकार गुणवत्तापरक शिक्षा देने के दावे कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों का सत्र 1 अप्रैल से शुरू होकर 30 मार्च को खत्म होता है. सत्र खत्म होने के कुछ महीने ही बचे हैं, लेकिन अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित पूर्व माध्यमिक विद्यालयों और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पुस्तकों का वितरण नहीं हो पाया है.
विद्यार्थी बिना किताबों के पढ़ने के लिए मजबूर हैं. अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं को तीन महीने बीत चुके हैं. अब वार्षिक परीक्षाएं नजदीक हैं. ऐसे में पूरे सत्र में बच्चों ने बिना किताबों के ही पढ़ाई की है.
अप्रैल माह से बिना किताब के पढ़ रहे छात्र
जिले के शिक्षा क्षेत्र बेलसर का पूर्व माध्यमिक विद्यालय पकवान में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों की पढ़ाई बिना किताबों के हो रही है. विद्यार्थियों का कहना है कि अभी तक यहां पर किसी को तीन या चार किताबें मिली हैं. अप्रैल माह से हम लोग बिना किताब के पढ़ाई कर रहे हैं. सर कहते हैं कि जब किताब आएगी, तब मिलेगी.
एक अध्यापक के सहारे विद्यालय
वहीं यहां पर तैनात अध्यापक जनेश्वर तिवारी का कहना है कि किताबें तो मिली नहीं, अध्यापक भी नहीं हैं. केवल एक अध्यापक के सहारे कक्षा 6, कक्षा 7 और कक्षा 8 चलाई जा रही है. कुल 3 किताबें मिली हैं, जिनका वितरण बच्चों में कराया जा चुका है. ऐसे में न बच्चों का पढ़ना संभव हो सकता है और न हमारा पढ़ाना.