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Published : Oct 13, 2020, 4:24 PM IST

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गोण्डा में साधु पर हमले से अयोध्या के संत नाराज, कहा- योगीराज में इससे निंदनीय कुछ नहीं!

देश के दो बड़े राज्यों में साधुओं पर हुए जानलेवा हमले और हत्या के बाद अयोध्या के संतों में आक्रोश है. संतों का कहना है कि अगर सीएम योगी के रहते हुए भी साधुओं की सुरक्षा नहीं हो पा रही है, तो इससे दुखद और निंदनीय कुछ भी नहीं है. साधुओं की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर अयोध्या में संत आमरण अनशन पर भी बैठे हुए हैं.

महंत परमहंस दास
महंत परमहंस दास

अयोध्या: राजस्थान के करौली में जब एक पुजारी की पेट्रोल डालकर निर्मम हत्या कर दी गई थी, तो साधु-संतों की सुरक्षा और धर्म की रक्षा की बात करने वाले बीजेपी के नेता हर मंच पर इस घटना की निंदा करते नजर आ रहे थे. इस घटना को लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भी लापरवाही का आरोप लगाया था. हाल ही में यूपी के गोंडा जिले में एक मंदिर के साधु की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद से विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमलावर है. वहीं साधु-संतों का कहना है कि यूपी में योगी सरकार के रहते हुए भी साधु-संत सुरक्षित नहीं हैं.

इस मामले पर अयोध्या के संतों ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल उठाया है. संतों का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं एक प्रसिद्ध मठ के महंत हैं. क्या उनकी सरकार में उस राज्य के साधु-संत सुरक्षित नहीं है? इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने अयोध्या के संतों से बातचीत की और उनकी प्रतिक्रिया ली.

गोण्डा में साधु पर हुए हमले पर बोले महंत.
महंत परमहंस दास ने कहा
गोण्डा में राम जानकी मंदिर के संत सम्राट दास पर दिनदहाड़े हुई गोलियों की बौछार पर अयोध्या के तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास बेहद नाराज दिखे. परमहंस दास ने कहा कि जब राजस्थान के करौली में एक पुजारी को पेट्रोल डालकर जला दिया गया, तब पूरे देश में इस घटना को लेकर निंदा हुई. हम लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया. लेकिन अब यूपी के गोंडा जिले में एक साधु की हत्या हुई है. इस घटना ने यह सवाल उठा दिया है कि क्या योगी सरकार में साधु सुरक्षित नहीं हैं. महंत परमहंस दास ने कहा कि जिस आश्रम में यह घटना हुई है, वह उनके आश्रम से जुड़ा हुआ है. इस कारण वह स्वयं घटना के बाद आश्रम में पहुंचे थे, लेकिन उन्हें वहां कोई स्थानीय जनप्रतिनिधि या अधिकारी नहीं मिला.
महंत परमहंस दास ने आरोप लगाया कि चंदा लगाकर साधु का इलाज शुरू हुआ है, यह बेहद निंदनीय है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है, जो स्वयं गोरक्षपीठ के महंत हैं. लेकिन अगर उनकी सरकार में साधु सुरक्षित नहीं है, तो धर्म की रक्षा करने वाले साधु संत खुद को कहां सुरक्षित पाएंगे. मैं मांग करता हूं कि इस तरह के मामलों में योगी सरकार कठोर कार्रवाई करे. दोषियों को गिरफ्तार कर ऐसी सजा दे कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति दोबारा न हो.

कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे सरकार
वहीं राजस्थान के करौली में पुजारी की पेट्रोल डालकर हुई निर्मम हत्या के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ संत महंत राजू दास ने यूपी में हुई घटना पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है. महंत राजू दास ने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. साधु चाहे राजस्थान का हो या यूपी का हो, साधु धर्म की रक्षा का कार्य करता है. भिक्षा मांगकर अपनी जीविका चलाता है. ऐसे व्यक्ति के ऊपर पेट्रोल डालकर उसे आग लगा देना या उसे गोली मार देना, एक बहुत बड़ा अपराध है. मेरी मांग है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस तरह की घटनाओं पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे.

10 दिनों में दो बड़ी घटनाएं
बताते चलें कि बीते 10 दिनों के अंदर देश में दो जगहों पर साधुओं के ऊपर हमले की दो बड़ी घटनाएं हुई हैं. इसमें राजस्थान में एक पुजारी की मौत हो चुकी है. वहीं यूपी के गोंडा जिले में हुए गोलीकांड में एक संत बुरी तरह से जख्मी हुए हैं. लखनऊ के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. इन दोनों घटनाओं ने राज्य में कानून व्यवस्था के दावों पर भी सवाल उठा दिए हैं. इन घटनाओं को लेकर अयोध्या में नाराजगी इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि यह नगरी साधु-संतों की नगरी है. साधु-संतों ने इन घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है.

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