गोण्डा:गुरुवार को जिला पंचायत सभागार में शहरी गरीबों को सदर विधायक ने आसरा आवास का आवंटन पत्र दिया, जिससे उनके चेहरे खिल उठे. सपा शासनकाल में शहरी गरीबों को छत मुहैया कराने के लिए साल 2012 में आसरा आवास योजना की शुरुआत की गई थी. नगरीय विकास अभिकरण के माध्यम से इस योजना का संचालन किया गया था.
29 करोड़ 5 लाख रुपये से तैयार हुआ आसरा आवास
जनपद के सिविल लाइन क्षेत्र में 600 आसरा आवासों के निर्माण की जिम्मेदारी कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) को सौंपी गई. इसके निर्माण में 29 करोड़ 5 लाख रुपये की लागत आई है. कार्यदायी संस्था द्वारा साल 2017 में मुख्यालय के सर्किट हाउस के बगल आसरा आवासों का निर्माण कार्य पूरा किया गया. तैयार होने के बाद दबंगों ने इस पर अपना कब्जा जमा लिया था.
साल 2017 में शुरू हुई आवासों काे आवंटन की प्रकिया
साल 2017 में आवासों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन राजनेता व अफसरों के बीच रार होने के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी. इसके लिए कई बार आवेदन मांगे गए, जांच हुई, लेकिन मामला ढाक के तीन पात निकला. आखिर में अब 3 साल बाद गरीबों को अपनी छत मिली है.
लाटरी के माध्यम से किया गया आवासों का आवंटन
जिला पंचायत सभागार में सदर विधायक प्रतीक भूषण सिंह के हाथों आसरा आवासों का आवंटन पत्र पाकर कई वर्षों से आशियाने की बाट जोह रहे शहरी गरीबों की मुराद पूरी हो गई. गरीबों को बहुप्रतीक्षित आसरा आवास का आवंटन जिलाधिकारी की उपस्थिति में कम्प्यूटराइज्ड लाटरी के माध्यम से किया गया. आसरा आवासों का आवंटन पात्रता की जांच के बाद कराया गया.