गोण्डा: जिले में छठ पूजा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं ने पोखरों और तालाबों के किनारे पिंडिया बनाना शुरु कर दिया है, लेकिन नगर के सबसे पौराणिक स्थल खैरा भवानी मंदिर के प्राचीन पोखरे की हालत बेहद खस्ता है. बता दें कि पौराणिक मान्यता के चलते छठ पूजा के दिन यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है, लेकिन दिवाली में हुई मूर्तियों, फूलों के विसर्जन आदि की फैली गंदगी से यह प्राचीन पोखरा अपने हाल पर ही रोने को मजबूर है.
यह है मान्यता
जनपद के पंडरी कृपाल ब्लॉक के बगल ही खैरा भवानी का प्राचीन मंदिर स्थित है. यह मंदिर काफी प्राचीन और पौराणिक है. लोगों का कहना है कि बलरामपुर के लिए रेलवे लाइन बनाने के लिए अंग्रेज सरकार ने यहां काम शुरू करवाया था, तभी उन्हें प्रकाश पुंज के रूप में आदिशक्ति दिखाई पड़ी थी, जिसे देखकर अंग्रेज भाग गए. बाद में यहां मंदिर स्थापित कर पूजा-पाठ शुरू हो गया.
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