गोंडा : जिले में एई जेई (जापानी इंसेफ्लाइटिस) जैसी तमाम अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए बनाया गया बाल चिकित्सा सघन इकाई केंद्र डॉक्टर्स की तैनाती न होने के कारण सफेद हाथी बन गया है. वहीं केंद्र पर तमाम यंत्रों की भी व्यवस्था हो गई है, जिसके अभी तक प्लास्टिक भी नहीं उतरे हैं.
गोंडा : बाल सघन चिकित्सा इकाई में नहीं हैं डॉक्टर, धूल फांक रहे उपकरण
गोंडा में एई जेई जैसी तमाम अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए बनाया गया बाल चिकित्सा सघन इकाई केंद्र डॉक्टर्स की तैनाती न होने के कारण सफेद हाथी बन गया है. वहीं केंद्र पर तमाम यंत्रों की भी व्यवस्था हो गई है, जिसके अभी तक प्लास्टिक भी नहीं उतरे हैं. प्रशासनिक कमियों के कारण यह धूल खा रहा है.
जिला अस्पताल में साल 2017 में बाल सघन केंद्र का निर्माण शुरू हुआ, जिसको मार्च 2018 में तैयार होकर शुरू होना था लेकिन यह अगस्त 2018 में बन कर तैयार हुआ. इसमें 66 लाख 73 हजार की लागत आई. इसको अस्पताल को हैंडओवर कर दिया गया. लाखों के उपकरण भी लाकर रख दिए गए और कुछ आने बाकी हैं लेकिन डॉक्टरों की तैनाती न होने के कारण संयंत्रों में जंग लग रहे हैं.
प्रशासनिक कमियों के कारण यह धूल खा रहा है. लाखों के आए कई उपकरणों के अभी प्लास्टिक तक भी नहीं उतरे. जिस उद्देश्य से इसका निर्माण किया गया था, उसकी पूर्ति नहीं हो रही है. अस्पताल प्रशासन भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है. इकाई में तैनात स्टाफ नर्स मनीषा यादव ने बताया पर्चा बनवाने के लाइन में लगे मरीजों के बच्चे यदि सीरियस हैं, तो उन्हें सीधे डॉक्टर के पास पहुंचाया जा रहा है. मनीषा ने बताया कुछ सामान अभी आने हैं. स्टॉफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है.