गोण्डा: विदेशों में बड़े पदों पर काम करने वाले लोग अपने मातृ भूमि की संस्कृति, सभ्यता और भाषा भूल जाते हैं, लेकिन विदेश में मकैनिकल इंजीनियर के पद पर तैनात सर्वेश तिवारी को अपने देश की प्राचीनतम भाषा से इतना अगाध प्रेम था कि वह अमेरिका में रहने के बाद भी यहां पर संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए 'सर्वांगीणम संस्कार शाला' की स्थापना की, जहां करीब 60 बच्चे संस्कृत की शिक्षा ले रहे हैं.
- सर्वेश तिवारी जिले के मुजेहना ब्लॉक के विशम्भरपुर गांव में रहने वाले हैं.
- सर्वेश तिवारी अमेरिका में पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं.
- सर्वेश तिवारी के मन में अपनी संस्कृति के प्रति बहुत ही लगाव है.
- सर्वेश तिवारी का कहना है कि वर्तमान शिक्षा पद्धति में संस्कृत भाषा खोने के साथ-साथ संस्कार का भी हनन हो रहा है.
- सर्वेश की मानें तो संस्कारिक शिक्षा का हनन होने के कारण समाज में तमाम कुरीतियां फैल रही हैं.
- समाज में संस्कृत और संस्कार को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने सर्वांगीणम संस्कार शाला नाम की संस्था के माध्यम से गुरुकुल जैसी शिक्षा देने का बीणा उठाया है.
- सर्वांगीणम संस्कार शाला संस्थान में करीब 60 बच्चे संस्कृत की शिक्षा ले रहे हैं.