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'लाल रंग' के काले कारोबार का खुलासा, पांच आरोपी गिरफ्तार

यूपी के गोंडा में स्वास्थ्य विभाग और निजी अस्पताल के कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहे खून के गोरखधंधे का डीएम और एसपी ने खुलासा किया है. डीएम के निर्देश पर ड्रग इंस्पेक्टर ने जांच कर 14 नामजद व अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

गोंडा में खून का कारोबार.
गोंडा में खून का कारोबार.

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Published : Mar 2, 2021, 8:04 PM IST

गोंडाः जिले में 'लाल रंग' फिल्म की तर्ज पर खून का काला कारोबार करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग और निजी अस्पताल के कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहे खून के गोरखधंधे का डीएम और एसपी ने खुलासा किया है. पिछले काफी दिनों से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे को खून के काले कारोबार की शिकायत मिल रही थी. डीएम के निर्देश पर ड्रग इंस्पेक्टर ने जांच शुरू की तो पूरे गिरोह का पता चल गया. इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत पर 14 नामजद व अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

गोंडा में खून के काले कारोबार का खुलासा.

जिला अस्पताल के ब्लड बैंक का कर्मचारी भी शामिल
ड्रग इंडपेक्टर ओमप्रकाश ने जांच शुरू की तो एक निजी अस्पताल के पास कुछ लोग खून बेचने-खरीदने की चर्चा कर रहे थे. पूछताछ में पता चला कि कुछ जरूरतमंद खून की तलाश में बिचौलियों से बातचीत कर रहे थे. ड्रग इंस्पेक्टर ने जब उनसे कड़ाई से पूछा तो सारे राज खुलने लगे. खून का यह काला कारोबार काफी दिनों से चल रहा था और इसमें जिला अस्पताल के ब्लड बैंक का कर्मचारी, शव वाहन चालक और एक निजी अस्पताल के कर्मचारी और कई लोग शामिल पाए गए. जब इस मामले की पड़ताल शुरू की गई तो अवैध रूप से चल रहे एक ब्लड बैंक में भी रक्तदान और भंडारण के लिए प्रयोग में ले जाने की बात सामने आई. औषधि निरीक्षक ओमप्रकाश की तहरीर पर जिला अस्पताल के ब्लड बैंक कर्मचारी, शव वाहन चालक और एक निजी नर्सिंग होम के कर्मचारी समेत 14 नामजद व अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी समेत तमाम संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

डीएम और एसपी ने किया खुलासा
डीएम मार्कंडेय शाही और पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने संयुक्त रूप से पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया. जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही ने बताया कि खून के खरीद फरोख्त की शिकायत मिल रही थी. जिसके बाद औषधि निरीक्षण व पुलिस को जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिया था. निरीक्षक औषधि ओम प्रकाश यादव ने इस मामले में 14 नामजद व अज्ञात के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में अब तक कोतवाली पुलिस ने बसन्त उर्फ बसन्तू गुप्ता, सलाहुद्दीन, अलमास खान अध्यक्ष द गोल्डेन ब्लड संस्था गोण्डा, इमरान, मो. इलियास को गिरफ्तार किया है. डीएम ने बताया कि आरोपी रिक्शा चालक, रेहड़ी संचालक और मजदूरों को पैसों का लालच देकर उनसे खून लेते थे. बाद में जरूरतमंद व्यक्तियों को ऊंचे दामों पर खून को बेच देते थे. बल्ड लेने से लेकर बेचने तक में पूरा एक गिरोह शामिल है.


14 नामजद व अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज
औषधि निरीक्षक ओम प्रकाश की शिकायत पर नगर कोतवाली पुलिस ने बसंत, सलाउद्दीन, अलमास खान, मोहम्मद इमरान, अली इलियास कलीम, साहेब, कालिया, नान्हू, सिद्धार्थ मिश्रा, एससीपीएम फार्मासिस्ट केके मिश्रा,राजकुमार चौधरी, चंद्रप्रकाश व अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ में जुट गई है. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद जिले में हड़कंप मच गया है।

खून बेचते शव वाहन चालक का वीडियो हुआ था वायरल
बता दें कि पिछले दिनों जिला अस्पताल के प्रांगण में ही शव वाहन चालक और अन्य कर्मी खून की खरोद-फरोख्त करते और पैसा लेते कैमरे में कैद हुये थे. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद शव वाहन चालक को बर्खास्त किया गया था और विभागीय जांच चल रही थी.

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