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गोंडा: किसानों को बेहतर खेती के तकनीकी गुर सिखा रहा कृषि विज्ञान केंद्र

उत्तर प्रदेश के गोंडा में कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को सही तरीके से खेती करने के लिए प्रशिक्षण दे रहा है. इससे किसानों को कृषि में फायदा होगा. इसके साथ ही महिलाओं को भी स्वावलंबी बनाकर उन्हें सिलाई, कढ़ाई सिखाई जा रही है.

कृषि विज्ञान केंद्र से किसान और महिलाएं ले रही हैं प्रशिक्षण.

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Published : Oct 12, 2019, 11:48 AM IST

गोंडा: कृषि के लिहाज से गोंडा जिला काफी समृद्ध है. यहां किसान सही तरीके से खेती को अपनाकर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को सही तरीके से खेती करने के लिए काफी सहायक सिद्ध हो रहा है. यहां समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाता है, जिसमें किसानों और उद्यमियों को कृषि से संबंधित सटीक जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे खेती में उन्नत हो सकें.

कृषि विज्ञान केंद्र से किसान और महिलाएं ले रही हैं प्रशिक्षण.

इसके साथ ही महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और सजावट आदि का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने में मदद की जाती है. यहां से किसान मौसम की जानकारी, उन्नत बीज, कृषि संबंधी प्रशिक्षण बिल्कुल मुफ्त पा सकते हैं.

कृषि संबंधी ज्ञान को लेकर की गई थी स्थापना
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली से वित्तपोषित लाल बहादुर शास्त्री कृषि अनुसंधान केंद्र गोंडा की स्थापना नानाजी देशमुख द्वारा 1989 में की गई. इसका उद्देश्य किसानों में कृषि संबंधी ज्ञान को समृद्ध करना है, जो वर्षों से यह संस्थान कर रहा है. यहां से हजारों किसान प्रशिक्षण लेकर सही तरीके से कृषि को अपना कर काफी मुनाफा व बेहतर जीवन जी रहे हैं. यहां किसानों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाता है. बेरोजगार युवक-युवतियों को भी स्वरोजगार करने में मदद की जाती है.

मुफ्त में ले सकते हैं प्रशिक्षण
कृषि में डीजल इंजन मरम्मत, ट्रैक्टर मरम्मत, माली के लिए प्रशिक्षण, महिलाओं के लिए सिलाई-कढ़ाई, अचार, मुरब्बा एवं कृषि आदि से जोड़ करके प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके पश्चात उन्नत बीज को केंद्र पर ट्रायल किया जाता है कि वह वहां के वातावरण में जीवित रह पाएंगे या नहीं.

इसके पश्चात किसानों को प्रदर्शनी के किसान गोष्ठी, किसान मेला आदि से भी उन तक इन बीजों की जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं. किसानों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में रुकने खाने-पीने इत्यादि सभी व्यवस्थाएं हैं. यदि कोई दूर दराज से किसान आए तो वह रुक कर मुफ्त प्रशिक्षण ले सकता है.

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