न्यायलय से क्लीन चिट मिलने के बाद सांसद बृजभूषण सिंह मीडिया से की बातचीत गोंडाः साल 1993 में पूर्व मंत्री स्व. विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह पर जानलेवा हमला हुआ था (Former minister Padit Singh firing case). इस गोली कांड में सांसद बृजभूषण सिंह सहित 4 को आरोपी बनाया गया था, जिन्हें न्यायालय ने क्लीन चिट दे दी है. कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद सांसद बृजभूषण ने कहा कि देश की न्यायिक प्रक्रिया पर मुझे हमेशा से भरोसा था.
भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जानलेवा हमले का केस 29 साल पहले दर्ज किया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी योगेंद्र सिंह ने 24 दिसंबर 1993 को बीजेपी सांसद के खिलाफ नवाबगंज थाने में तहरीर दी थी. योगेंद्र सिंह ने आरोप लगाया था कि 24 दिसंबर की सुबह उनका भतीजा विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह अपने दरवाजे पर खड़े थे, तभी कार सवार हमलावरों ने उन पर फायरिंग की. विनोद कुमार सिंह सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे . हमले में विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह घायल हो गए. उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई थी.
पुलिस ने जांच के बाद भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह, ज्ञान सिंह निवासी, दीप नरायन यादव उर्फ पहलवान समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीकांत श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन पक्ष सुनवाई के दौरान साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर सका. यहां तक कि पंडित सिंह को भी अदालत में पेश नहीं किया गया. जब हमला हुआ था, तब भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का संसद सत्र में भाग लेने के लिए दिल्ली गए थे. इसलिए साक्ष्य साबित न होने का लाभ देते हुए एमपी एमएलए कोर्ट ने ब्रजभूषण शरण सिंह को दोषमुक्त कर दिया.
गौरतलब है कि भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के साथ इस मामले में देवदत्त सिंह, ज्ञान सिंह और पहलवान सिंह हमले के आरोपी थे. आरोपी देवदत्त सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है. एफटीसी नवीन जस्टिस जितेंद्र गुप्ता की अदालत ने किया सभी आरोपियों को क्लीनचीट दी है.
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