गोंडा:नेपाल और पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के पानी को बैराज से छोड़े जाने के बाद गोंडा में घाघरा नदी खतरे के निशान से 11 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इसके चलते जिले के तरबगंज और कर्नलगंज तहसील के कई गांव पानी से घिरे हुए हैं. वहीं तरबगंज तहसील में केवटाही में बने प्राथमिक विद्यालय को घाघरा ने अपनी चपेट में ले लिया है. विद्यालय की बिल्डिंग नदी में समाती जा रही है.
बाढ़ की चपेट में आया प्राथमिक स्कूल. ईटीवी भारत ने पहले ही विद्यालय को नदी से खतरे की बात बताई थी. उसके बाद भी जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. अगर समय रहते जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग सचेत जाता तो विद्यालय को नदी में समाने से बचाया जा सकता था. विद्यालय में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. जिला प्रशासन ने बाढ़ को देखते हुए जिले में 25 बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है.
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लगातार हो रहा घाघरा नदी में कटाव
तरबगंज तहसील के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय केवटाही स्कूल की बिल्डिंग को घाघरा ने अपने आगोश में ले लिया है. प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग नदी में समाती जा रही है, जिसके चलते विद्यालय में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है. बच्चे अपने घर बैठने को मजबूर हैं.
स्थानीय लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब वे विद्यालय बना था तो नदी से लगभग 2 किलोमीटर दूर था. पिछले कई सालों में नदी जमीन को काटते हुए विद्यालय तक पहुंच गई और विद्यालय नदी में समाता जा रहा है. इसकी सूचना पहले ही जिला प्रशासन को दी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इसके लिए कुछ नहीं किया.
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वहीं, आसपास रहने वाले कई परिवारों को पलायन करना पड़ा है. लोग जीवन यापन के लिए बांधो और ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. इनकी जिला प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा है