गोण्डाः केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान, 'कुसुम' के तहत किसानों को डीजल पम्प से मुक्ति मिल सकेगी. सरकार का मानना है कि यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित होगी. दरअसल इससे जहां एक तरफ सिंचाई लागत शून्य होगी तो वहीं दूसरी ओर डीजल पम्पों से निकलने वाले कार्बन से भी मुक्ति मिल सकेगी. इस योजना के अंतर्गत किसानों को 75 फीसदी तक अनुदान पर सोलर पंप उपलब्ध कराया जाएगा.
'कुसुम योजना' से मिलेगी सोलर पंप की सौगात. शासन ने कुसुम योजना के अंतर्गत प्रदूषण से मुक्ति, बिजली से बचत और सिंचाई लागत शून्य करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की है. इसेक तहत किसानों को 113503 रुपये के 2 हॉर्स पावर सोलर पंप पर 75 फीसदी का अनुदान दिया जाएगा. अनुदान के पश्चात इसकी लागत 28376 रुपये हो जाएगी और 155528 रुपये के 3 हॉर्स पावर पम्प की खरीद पर भी किसानों को 75 फीसदी का अनुदान मिलेगा, जिसके बाद इसकी लागत 38882 रुपये हो जाएगी.
इसी तरह 217550 रुपये के 5 एचपी सोलर पंप की खरीद पर किसानों को 60 फीसदी का अनुदान दिया जाएगा. इसमें 1किसानों को 5 एचपी की खरीद पर 87020 रुपये अंशदान के रूप में देना होगा. यदि किसान 7.5 हॉर्स पावर स्टैंड अलोन सोलर पम्प की स्थापना करना चाहते हैं तो उन्हें कुल लागत पर 60 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा. इस योजना के तहत लघु और सीमांत किसानों को वरीयता दी जाएगी.
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वहीं ऐसे किसान जो स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई का उपयोग करके पानी की बचत कर रहे हैं, उन्हें भी प्राथमिकता दी जाएगी. योजना में वे किसान पात्र नहीं होंगे, जिनके पास विद्युत संचालित पम्प हैं. किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. वहीं योजना का लाभ 'पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ, पहले सोलर पम्प पाओ' के आधार पर किया जाएगा.
योजना का लाभ पाने के लिए संबंधित किसान के पास बोरिंग का होना आवश्यक है, जबकि बिना बोरिंग वाले किसान इसका लाभ नहीं ले सकेंगे. इस संबंध में संयुक्त कृषि निदेशक पीके गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना में संख्या निर्धारण का कोई लक्ष्य नहीं है. साथ ही जितने किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें इससे लाभान्वित किया जाएगा.