गोंडा: दलितों के नाम पर वोट मांगने वाले राजनैतिक पार्टियां वोट मांगने के लिए सारे हथकंडे अपनाती तो हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनके वादे खोखले और बेबुनियाद हो जाते हैं. आते हैं. ईटीवी भारत ने प्रमुखता से इस खबर को दिखाया है, जिसके बाद खबर का बड़ा असर हुआ. गांव में तुरंत विकास कार्य पहुंचा. 72 साल बाद गांव में बिजली, सड़क, और सारी योजनाएं पहुंचने लगीं. जिसके बाद दलित गांव के लोगों ने कहा कि विकास तो सिर्फ मोदी ने किया है इसलिए वोट भी मोदी को ही देंगे.
गोंडा:आजादी के 72 साल बाद दलित बाहुल गांव में पहुंची बिजली - up news
गोंडा में आजादी के 72 सालों बाद भी न बिजली पहुंची. न सड़क और न ही कोई भी सरकारी योजनाएं. गांव के लोग बस विकास की आस लगाए बैठे थे. विकास के नाम पर अगर उन्हें कुछ मिला तो सिर्फ झूठे वादे लेकिन 72 साल बाद जब बिजली पहुंची को उनके चेहरे खुशी से खिल उठे.
आजादी के 72 साल बाद दलित बाहुल गांव में पहुंची बिजली
72 साल बाद बाहुल गांव का हुआ विकास
- मामला कर्नलगंज क्षेत्र के लाला पुरवा गांव का है, जो पूर्ण रूप से दलित बाहुल गांव है.
- जहां विकास के नाम पर और दलित के नाम पर सपा-बसपा जैसी पार्टियों ने अपनी राजनीति की.
- लेकिन आजादी के 72 साल बाद भी इस गांव को विकास के नाम पर कुछ न हासिल हो सका.
- नेताओं के झूठे वादे और भरोसे ने गांव के लोगों को विकास की आस में बांध रखा था.
- इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लिया.
- जिस पर ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया.
- खबर चलने के बाद प्रशासन की नींद खुली.
- चुनाव बहिष्कार के बाद शासन प्रशासन ने गांव का दौरा शुरू किया, जहां उनको सच्चाई और हकीकत सामने दिखी.
- इसके बाद गांव में तुरंत बिजली, नाले, खड़ंजा-सड़कों का निर्माण और घास और झोपड़ी में रह रहे गांव वालों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य शुरू किया गया.
- इसको पाकर गांव वाले काफी उत्साहित हैं.