गोण्डा:मंडल की लाइफलाइन माना जाने वाला बाबू ईश्वर शरण जिला अस्पताल इन दिनों भ्रष्टाचार का केंद्र बनता जा रहा है. यहां पर आए दिन दलाली के चक्कर में कर्मचारियों और दलालों के बीच नोकझोंक हुआ करती है. कभी-कभी यह नोकझोंक हाथापाई पर उतर आती है. यहां के एमरजेंसी में ब्लडप्रेशर नापने से लेकर इंजेक्शन लगाने तक का काम दलालों द्वारा किया जाता है.
अवैध कर्मचारियों के संरक्षण में चल रहा अस्पताल
बाबू ईश्वर शरण जिला अस्पताल अवैध कर्मचारियों के संरक्षण में चल रहा है. इस बात की पोल तब खुल गयी जब मंगलवार को अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में स्वीपर और एक युवक के बीच हाथापाई हो गयी. युवक और स्वीपर इमरजेंसी वार्ड में काफी देर तक हंगामा काटते रहे. वहां पर मौजूद इमरजेंसी के चिकित्सक ने न तो इसकी सूचना पुलिस या अस्पताल प्रशासन को दी.
मामले को जब अस्पताल के सीएमएस के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने उस युवक को नसीहत देते हुए कार्रवाई करने के बजाए उसे भगा दिया, जिससे अस्पताल प्रशासन की संलिप्तता एक बार फिर खुल कर सामने आई. हालांकि उन्होंने सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद कार्रवाई की बात कही है.
मरीजों की जान से किया जा रहा है खिलवाड़
बाबू ईश्वर शरण जिला अस्पताल अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है. शासन द्वारा अस्पताल में मरीजों बेहतर सेवाएं देने के लिए बड़े पैमाने पर इंतजाम किए गए हैं. इन सारे इंतजामों पर यहां पर संलिप्त दलाल पानी फेर रहे हैं. इन दलालों द्वारा मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. इसके लिए अस्पताल प्रशासन खुद जिम्मेदार है.