गोण्डा: जिले में मनरेगा के अंतर्गत नियमों की अनदेखी कर भुगतान के मामले में श्रमांश को दरकिनार कर सामग्री मद में अधिक भुगतान का मामला सामने आया है. शासन स्तर पर हुई समीक्षा में निर्धारित मानक से अधिक भुगतान सामग्री मद में किए जाने के कारण मनरेगा में गड़बड़ी के मामले में गोण्डा तीसरे स्थान पर है. इसमें यहां के 304 ग्राम पंचायतों में गड़बड़ियां पाई गई. यह गड़बड़ी चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में पकड़ी गई हैं.
मनरेगा में नियमों की अनदेखी. मनरेगा की गाइडलाइन के मुताबिक 60 फीसदी धन श्रमांश और 40 फीसदी सामग्री खरीद में खर्च करने के निर्देश हैं. ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायतें पहले श्रम मद में और उसके बाद सामग्री मद में धन खर्च करेंगी. कटरा ब्लॉक में श्रम और सामग्री के अनुपात में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाए जाने पर सेवानिवृत्त बीडियो समेत पांच कर्मचारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इसके साथ ही 36 लाख 95 हजार वसूली के निर्देश भी दिए गए हैं.
बताया जा रहा है कि जिले के कुछ अन्य ब्लॉक हलधरमऊ, इटियाथोक, मुजेहना और नवाबगंज सहित पंडरीकृपाल ब्लॉक में श्रम और सामग्री का अनुपात काफी गड़बड़ है. इसी तरह की समीक्षा में सिद्धार्थनगर, प्रयागराज, गोण्डा, आजमगढ़ और महाराजगंज सहित 10 जनपदों में बड़े पैमाने पर अनियमितता पाए जाने पर जांच के आदेश दिए गए हैं.
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इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि कटरा बाजार में जांच कराया गया तो पता चला कि भुगतान हो गया और मौके पर कार्य नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि जो भी काम हुए वह मानक के अनुरूप नहीं हैं. ऐसे में दंडात्मक कार्रवाई करते हुए सेवानिवृत्त बीडियो समेत पांच कर्मचारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मनरेगा में क्षेत्र पंचायतों और ग्राम पंचायतों की जांच के लिए टीम गठित की गई है. इसमें विकास विभाग और पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता समेत पांच कर्मचारियों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.