गोंडाः जिले में हुए बहुचर्चित करोड़ों रुपये के खाद्यान्न घोटाले में तेजी आ गई है. सीबीआई के डीएसपी की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम ने मंगलवार को जिले में पहुंचकर तत्कालीन कोटेदार व राशनकार्ड धारकों से बयान लिए हैं. टीम ने इलाहाबाद बैंक जाकर जांच पड़ताल की. सीबीआई की टीम जनपद में पहुंचने से खाद्यान्न घोटाले के आरोपियों में हड़कम्प देखा जा रहा है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि वर्ष 2004-05 व 06 में गोंडा में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ था. कई अफसर, ट्रांसपोर्टर, कोटेदार, कर्मचारी जेल की हवा भी खा चुके हैं. न्यायालय के आदेश पर सीबीआई करीब दस साल से जांच कर रही है. बताया जाता है कि माफियाओं ने गरीबों का खाद्यान्न बांग्लादेश भेज दिया था. जांच हुई तो पता चला कि जो ढुलाई का काम ट्रकों द्वारा किया गया था, वह मौके पर स्कूटर व बाइक नंबर निकली. जांच का दायरा बढ़ा तो कई लोग जेल भी गए. हालांकि अधिकांश लोगों को जमानत मिल चुकी है.
सीबीआई की टीम मंगलवार को डीएसपी सुनील दत्त की अगुवाई में जिला पूर्ति कार्यालय पहुंची. यहां पर इटियाथोक ब्लाक के कई कोटेदारों व राशनकार्ड धारकों से बयान दर्ज किए हैं. बताया जा रहा है कि सीबीआई की टीम ने इटियाथोक ब्लाक के तत्कालीन जानकीनगर कोटेदार नानबाबू शुक्ला व नारेमहरीपुर के कोटेदार हवलदार तिवारी को नोटिस देकर बयान के लिए बुलाया था. कोटेदारों को अपने गांव के तत्कालीन दस बीपीएल व पांच अंत्योदय राशन कार्डधारकों को साथ लाना था. सीबीआई टीम ने राशनकार्ड धारक व कोटेदार के बयान दर्ज किए हैं. टीम द्वारा कितना खाद्यान्न मिलता था, कैसे मिलता था, पूरा मिला कि नहीं जैसे सवाल पूछे.