गाजीपुर: जिले के तुलसी सागर मोहल्ले में जानलेवा हमले में युवक आलोक बलवंत को गोली लगी थी. लेकिन पुलिस ने मारपीट में मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने घायल युवक का मेडिकल परीक्षण कराने तक की जहमत नहीं उठाई. जबकि घायल युवक एक हफ्ते तक न्याय की गुहार लगाता रहा. एक हफ्ते बाद जब पीड़ित युवक और उसके परिजन एमएलसी विशाल सिंह चंचल के कार्यालय न्याय की फरियाद लेकर पहुंचे तो पुलिस हरकत में आई. इस मामले में एसपी ओमवीर सिंह ने घोर लापरवाही में सदर कोतवाल तेजबहादुर सिंह और चौकी इंचार्ज अभिषेक सिंह गोराबाजार को निलंबित कर दिया है.
मामूली विवाद में दबंगों ने मारी थी गोली : मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के तुलसीसागर मोहल्ले का है. यहां के आलोक बलवंत को पिछले 11 सितम्बर को मामूली विवाद में दबंगों ने गोली मार दी थी. गोली आलोक के बाएं कंधे में लगी. घटना के बाद पीड़ित और उसके परिजनों ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने महज मामूली मारपीट में केस दर्ज किया. पीड़ित के बार-बार कंधे में गोली लगने की बात कहने के बावजूद पुलिस मनमर्जी पर अड़ी रही. पीड़ित का मेडिकल तक नहीं कराया. आरोप है कि पीड़ित और उसके परिजनों को कोतवाल ने थाने से डांटकर भगा दिया. युवक ने जब अपने कंधे का एक्सरे कराया तो गोली फंसी मिली. युवक ने फिर पुलिस से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में पीड़ित युवक और उसके परिजन 17 सितम्बर को एमएलसी विशाल सिंह चंचल से उनके कार्यालय पर जाकर मिले और आपबीती सुनाई. एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने कोतवाल और सीओ सिटी को फौरन ऑफिस तलब किया. जहां पर सीओ सिटी ने एक्सरे देखा.