गाजीपुर : गाजीपुर जिले के प्रोबेशन विभाग द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर, जहां पर सिर्फ महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. ताकि महिलाओं की समस्याओं के बारे में जान सकें और उसका निराकरण कर सकें. इसके अलावा सरकार की योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाया जा सके. लेकिन आज इन्हीं महिलाओं के सामने स्थिति ये आ गई है कि ये उधार की रोटी खाने को मजबूर हैं, लेकिन विभाग इनकी सुध नहीं ले रहा है. दरअसल, पिछले 9 महीने से इनके वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है. इतना ही नहीं, इस सेंटर का बिजली बिल बकाया के चलते बिजली विभाग ने बिजली भी काट दिया है, जिसके चलते इन सभी लोगों को और यहां पर आने वाली महिलाओं और उनके बच्चों को, शौचालय के साथ पीने के पानी के लिए भी कहीं बाहर ही जाना पड़ता है.
जनपद गाजीपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में इन दिनों मिशन शक्ति चलाया जा रहा है. इसके तहत महिलाओं को सम्मान देने, आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही, कोविड-19 के सेकंड फेज में मृत्यु हुए लोगों के बच्चों को बाल सेवा योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जाता है. और इन सभी के लिए वन स्टॉप सेंटर बनाया गया है, जिसमें एक छत के नीचे महिलाओं को सभी योजनाओं का लाभ और उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा सके. यहां पर मैनेजर सहित पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य महिलाओं की नियुक्ति की गई है. लेकिन गाजीपुर में का यह सेंटर दुर्व्यवस्थाओं का शिकार है.
बिजली-पानी की भी हुई किल्लत
इस सेंटर पर कार्यरत महिला कर्मचारियों की संख्या करीब आधा दर्जन से ऊपर है. वेतन नहीं मिलने की वजह से महिलाओं को मौजूदा समय में लोगों से उधार लेकर परिवार चलाने की नौबत आ चुकी है, क्योंकि पिछले 9 महीने से विभाग ने इनकी सैलरी का भुगतान नहीं किया है. इसके अलावा पिछले 26 अगस्त को ₹140000 का बिजली बिल बकाया के चलते बिजली विभाग ने इनका बिजली काट दिया है, जिसके चलते इन्हें गर्मी और उमस से रोज दो चार होना पड़ रहा है. ये लोग पीने का पानी तो घर से लेकर आते हैं, लेकिन नित्यक्रम के साथ ही यहां आने वाली महिलाओं व बच्चों के लिए पानी नहीं मिल पाता है. इसकी वजह से सभी को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहे है.