गाजीपुर: जिले में दबंग युवकों द्वारा हेड कांस्टेबल की सरेआम पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पूरा मामला सादात थाना के मौधियां का है. जहां थाने से आईजीआरएस के मामले की जांच के लिए निकले एएसआई और कांस्टेबल ने दो बाइक सवार युवकों को बगैर हेलमेट होने पर चालान किया. नेट न चलने की बात कहकर रसीद नहीं दी. सुनवाई से वापस लौट रहे युवकों ने पहले रसीद मांगी. इसके बाद युवकों ने अपना पैसा वापस मांगते हुए कांस्टेबल की पिटाई शुरू कर दी.
गाजीपुर में सिपाही की पिटाई का वीडियो वायरल. एएसआई और कांस्टेबल पहाड़पुर गांव जा रहे थे. जहां रास्ते में बाइक सवार दो लोगों का हेलमेट न लगने पर चालान काटा था, लेकिन नेटवर्क प्रॉब्लम होने की वजह से मोबाइल काम नहीं किया. चेकिंग के दौरान पांच सौ रुपये फाइन लेने के बाद भी चालान की रसीद नहीं देने पर दो युवकों ने वापस आते समय सिपाही को घेर लिया. दोनों युवक रसीद न मिलने पर अपने पैसे वापस मांगने लगे.
वीडियो में आप खुद देख सकते हैं कि युवक कांस्टेबल से अपने पैसे की मांग करता नजर आ रहा है. वहीं कांस्टेबल पैसे के एएसआई के पास होने की बात कह रहा है, जिस पर युवक कहता नजर आ रहा है कि मैं कुछ नहीं जानता, मुझे मेरा पैसा चाहिए.
मामला बिगड़ता देख दारोगा तो भाग निकला, लेकिन सिपाही नहीं बच सका. लोगों ने सड़क पर भरे पानी में सिपाही को गिरा-गिराकर पीटा. मौके से भागे दारोगा की सूचना पर पुलिस फोर्स पहुंची तो सिपाही की जान बची. वहीं कुछ लोगों ने पूरी घटना का वीडियो भी बनाकर वायरल कर दिया है. उसके बाद युवकों ने कांस्टेबल को बारिश के पानी में गिराकर पिटाई शुरू कर दी. वीडियो में पिट रहे कांस्टेबल प्रमोद सिंह हैं, जिनकी तैनाती गाजीपुर के सादात थाने में है.
आईजीआरएस के लिए थाने के एएसआई और कांस्टेबल पहाड़पुर जा रहे थे. रास्ते में बाइक सवार दो लोगों का हेलमेट न लगाने पर चालान काटा था, लेकिन नेटवर्क प्रॉब्लम होने की वजह से मोबाइल काम नहीं किया. जिसके वजह से उन्हें कड़ी हिदायत देकर छोड़ दिया गया. वापसी में दो युवक अपने अन्य लोगों के साथ मिलकर कांस्टेबल के साथ बदसलूकी करने लगे. वीडियो के आधार पर एक युवक की पहचान कर ली गई है, इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक
सवाल यह है कि जब पुलिस अधीक्षक खुद बता रहे हैं कि कांस्टेबल और एसआई के मामले की जांच के लिए जा रहे थे तो वह किस बात की वाहन चेकिंग कर रहे थे और अगर चालान किया भी तो रसीद क्यों नहीं दी. वहीं युवकों ने इस बात की शिकायत करने के बजाए कानून को अपने हाथ में ले लिया.