"रेल कम रोड ब्रिज" पर पहली बार दौड़ा रेल इंजन गाजीपुर: जनपद में पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट 'रेल कम रोड ब्रिज' पर शनिवार को पहली बार रेल इंजन दौड़ा. गाजीपुर सिटी स्टेशन से ताड़ी घाट नई रेल लाइन ट्रैक पर रेल इंजन चला कर परीक्षण किया गया. पीएम मोदी ने रेल कम रोड ब्रिज का 14 नवंबर 2016 में गाजीपुर से शिलान्यास किया था. 14 सौ करोड़ की लागत से बनने वाले रेल कम रोड ब्रिज के प्रथम फेज का काम पूरा हो चुका है. आरबीएनएल के प्रोजेक्ट मैनेजर विकास चंद्रा ने नारियल फोड़ कर रेल इंजन को नए रेल ट्रैक पर दौड़ाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये पहले चरण का पहला ट्रायल है. 28 मार्च को इसका फाइनल ट्रायल होगा.
उल्लेखनीय है कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार है. जिसका 1 फेस का कार्य पूर्ण हो चुका है. इस पर शनिवार को डीजल लोकोमोटिव दौड़ाकर परीक्षण किया गया. प्रथम फेज ट्रायल में 35 किलोमीटर की रफ्तार से डीजल लोकोमोटिव दौड़ाकर किया गया. आरवीएनएल के प्रोजेक्ट मैनेजर विकास चंद ने कहा कि आज गाजीपुर के लिए गौरव की बात है. वर्षों से प्रस्तावित परियोजना आज पूरी हुई है.
गाजीपुर सिटी स्टेशन से ताड़ीघाट का जो नया स्टेशन बना है वह ट्रैक से जुड़ गया है. रेल कम रोड ब्रिज का डिजाइन कुछ इस तरह का किया गया है कि इस पर ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी. लेकिन, अभी केवल 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की इस लाइन पर अनुमति मिली है. शनिवार का पहला परीक्षण 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से डीजल लोकोमोटिव चलाकर किया जाएगा. यह परियोजना दो भागों में बटी हुई है,
एक भाग मऊ से गाजीपुर और दूसरा गाजीपुर सिटी से ताड़ीघाट तक है. गाजीपुर सिटी से ताड़ीघाट का काम पूरा हो चुका है. वहीं, ताड़ीघाट से लेकर गाजीपुर घाट का काम अभी बाकी है. इन दोनों को मिलाकर इस परियोजना की लागत 14 सौ करोड़ की है. 28 मार्च को कमिश्नर रेलवे सेफ्टी के द्वारा उद्घाटन किया जाएगा.इसके लिए निरीक्षण से पहले और कई निरीक्षण होते हैं. आज सी प्लेटिकल इंजीनियर गोरखपुर से आए हुए थे और उनके साथ जीएम इलेक्ट्रिकल भी थे. इन लोगों के द्वारा भी इसका निरीक्षण किया गया है. रविवार को भी एक निरीक्षण जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव लेवल के अधिकारियों द्वारा किया गया है.
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