गाजीपुरः जिले के श्मशान घाट पर आने वाले शवों के अंतिम संस्कार के बाद इसके संचालक मृत्यु प्रमाण पत्र की पर्ची देते थे. जिसे लेकर परिवार के लोग नगरपालिका या फिर ग्राम पंचायत में मृत्यु का रजिस्ट्रेशन कराते थे. लेकिन अब जिला प्रशासन और नगर पालिका ने इस तरह के प्रमाण पत्र देने पर रोक लगा दिया है. जिसके चलते श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने वाले लोगों को काफी परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर लोगों में रोष फैला है. सबसे अधिक परेशानी दूसरे जिले से आने वाले लोगों को हो रही है. दरअसल इस जिले के कर्मचारी या अधिकारी मृत्यु का वेरिफिकेशन करने दूसरे जिले में कैसे जाएंगे.
वहीं गाजीपुर के श्मशान घाट पर परिजनों का अंतिम दाह संस्कार करने वाले लोग दाह संस्कार करने के पश्चात घाट संचालकों से मृतक का नाम, पता और अन्य जानकारियां दर्ज कर मृत्यु प्रमाण पत्र लिया करते थे. इसी प्रमाण पत्र के जरिए नगर पालिका ग्राम पंचायत में कागजात को जमा कर मृत्यु सर्टिफिकेट लिया करते थे. लेकिन एकाएक से जिले में मौतों का आंकड़ा बढ़ने के बाद प्रशासन ने श्मशान घाट संचालकों पर इस तरह के प्रमाण पत्र देने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. जिसको लेकर इन दिनों श्मशान घाट संचालकों और दाह संस्कार करने वाले लोगों में बहस की भी नौबत आ रही है. कभी-कभी ये बहस मारपीट में भी तब्दील हो जा रही है. घाट पर आए लोगों ने बताया कि यहां पर प्रमाण पत्र मिल जाने से हम लोगों को काफी सहूलियत होती थी. लेकिन अब नहीं मिलने से काफी दिक्कतों का सामना पड़ेगा.