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यूपी बोर्ड रिजल्ट: गाजीपुर के 15 विद्यालयों में एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं, छिन सकती है मान्यता

यूपी के गाजीपुर में नकलविहीन बोर्ड परीक्षा सम्पन्न होने का असर साफ दिख रहा है. जिले के 15 विद्यालय ऐसे हैं, जहां एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं हुआ है. वहीं इन विद्यालयों पर मान्यता छिन जाने का खतरा मंडरा रहा है.

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गाजीपुर के 15 विद्यालयों में एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं

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Published : Jun 30, 2020, 12:58 AM IST

गाजीपुर: माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है. जिले में नकलविहीन बोर्ड परीक्षा सम्पन्न होने का असर साफ दिख रहा है. जिले के 15 विद्यालय ऐसे हैं, जहां एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं हुआ है. जो अपने आप में बहुत कुछ बयान कर रहा है.

बोर्ड के परिणाम में जिले के कुछ कॉलेजों बेहतर प्रदर्शन करते हुए श्रेष्ठता सूची में जगह बनाई. वहीं जिले के 8 हाईस्कूल और 7 इंटरमीडिएट कॉलेज ऐसे हैं जहां से एक भी छात्र उत्तीर्ण नहीं हुआ है. इनका परीक्षा परिणाम जीरो रहा है. इन विद्यालयों में राजकीय हाईस्कूल मधुवन से 6 छात्र, राजकीय हाईस्कूल रामपुर बलभद्र से 1 छात्र परीक्षा में बैठा था. इन दोनों स्कूल का परिणाम शून्य रहा. बाकी सभी बच्चे परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए.

इसके अलावा रामायन सिंह यादव माध्यमिक विद्यालय से 13, एसएसएस यादव से 1, राजदेव माध्यमिक विद्यालय से 7, एसएसडीबी से 1, एम गंगाजी गर्ल्स कॉलेज से 7 और श्री रामजी कॉलेज से 4 छात्रों ने परीक्षा दी थी. इन सभी विद्यालयों का परिणाम जीरो आए हैं. यह हाल परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों का है. ज्यादातर छात्र सीसीटीवी कैमरे वॉइस रिकॉर्डर के सर्विलांस की परीक्षा छोड़कर रफूचक्कर हो गए.

इंटरमीडिएट की परीक्षा में जिले के सात विद्यालयों का परीक्षा परिणाम जीरो है. इनमें एलआरएम से 9, मुसाफिर माध्यमिक विद्यालय से 3, डीएन उमा विद्यालय से 2, एसएमजे कॉलेज के दो, एमपीवीजी इंटर कॉलेज से 16, जनता इंटर कॉलेज से 5 और श्री गांधी इंटर कॉलेज से 8 छात्रों ने परीक्षा दिया था. इन सभी विद्यालयों का परीक्षा परिणाम भी जीरो रहा है.

इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक ओम प्रकाश राय ने बताया कि इन सभी विद्यालयों को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है. बता दें कि कि 0 प्रतिशत प्रदर्शन करने वाले इन विद्यालयों पर मान्यता छिन जाने का खतरा मंडरा रहा है. वहीं दूसरी तरफ जिले के कई विद्यालयों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. एक-दो नहीं 15 विद्यालयों का 0 प्रतिशत परिणाम है, जो अपने आप में में बड़े सवाल खड़े करता है.

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