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6 माह पूर्व बनी एनएच-31 सड़क धंसी, जांच के बाद होगी कार्रवाई: डीएम - culvert over railway crossing

वाराणसी-गाजीपुर फोरलेन (Varanasi- Ghazipur Fourlane) पर वाहनों का आवागमन शुरू होने के आठ माह बाद ही सड़क धंसनी शुरू हो गई है. उस लेन पर डिवाइडर लगाकर आवागमन रोक दिया, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया.

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सड़क धंसी

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Published : Jun 21, 2022, 5:18 PM IST

गाजीपुर: वाराणसी-गाजीपुर फोरलेन पर वाहनों का आवागमन शुरू होने के आठ माह बाद ही सड़क धंसनी शुरू हो गई है. पहली बार सड़क उस जगह पर धंसी है, जहां बीते 20 सितंबर 2021 को सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का उड़नखटोला उतरा था. गलीमत रहा कि किसी राहगीर की नजर उस धसें सड़क पर पड़ गई. किसी ने कार्यदायी संस्था को इस बात की सूचना दी.

सूचना पाते ही आनन- फानन में उस लेन पर डिवाइडर लगाकर आवागमन रोक दिया, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया. वाराणसी-गाजीपुर फोरलेन पर बीते अक्टूबर से वाहनों का आवागमन शुरू हुआ था. कैथी स्थित टोल प्लाजा पर सभी वाहनों से टोल टैक्स वसूला जाता है, लेकिन सड़क की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया है, जिसका जीता-जागता उदाहरण सामने आया. सैदपुर क्षेत्र के शेखपुर ओवरब्रिज पर यह सड़क धंस गई है, जहां सड़क धंसी है, वहां कंक्रीट उखड़ गए हैं और सरिया दिख रही है.

जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह

घटिया निर्माण का खुला पोल
गाजीपुर में वाराणसी से होते हुए गोरखपुर तक जाने वाली फोरलेन सड़क का निर्माण गाजीपुर में भी किया गया है. लेकिन फोरलेन की निर्माण में निर्माण संस्था और उसके अधिकारियों ने जमकर लूट कर मानक को ताक पर रखकर निर्माण का कार्य किया है और उनके कार्यों की पोल उस वक्त खुल गई जब फोरलेन की बनी सड़क एक पुलिया के पास टूट गई. इस कदर टूटी कि अब उसमें सरिया और 20 फीट नीचे की रेलवे लाइन दिख रही है.

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गाजीपुर में बने फोरलेन सड़क के निर्माण के बाद लोगों ने बहुत ही उम्मीद लगाई थी. इस सरकार में घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार नहीं होगा, लेकिन सरकार की कार्य में जो कोई भी हो ठेकेदार अपने हिसाब से काम करता है. गाजीपुर में बने फोरलेन औड़िहार और सैदपुर (Aurihar and Saidpur) के बीच में बने रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर पुलिया जो 6 माह पूर्व बनी है, उसमें रविवार की देर रात अचानक से किसी भारी वाहन के दबाव से सड़क टूट गया. गनीमत रही कि उसमें गाड़ियों का लंबा काफिला नहीं चल रहा था. वरना कोई ना कोई बड़ा हादसा हो सकता था.

जब इस सड़क के गड्ढे पर आमजन की नजर पड़ी तो लोगों ने तत्काल पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन पहुंचकर सड़क का मुआयना किया और इसकी जानकारी तत्काल अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी को भी दिया. उस टूटे हुए सड़क की लेन को सुरक्षा की दृष्टि से घेर दिया गया है. मंगलवार को इस मामले में जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने इस बात को स्वीकार किया.

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी पिछले साल यानी करीब 6 से 8 महीना पूर्व बनाई गई है और इतनी जल्दी सड़क का टूटना कहीं ना कही लापरवाही और मानक विधि निर्माण की ओर इंगित करता है. ऐसे में पहली प्राथमिकता इसकी मरम्मत कराकर शुरू करना है. साथ में कौन-कौन लोग दोषी है उस पर भी कार्रवाई की जाएगी.

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