गाजीपुर: खानपुर थाना क्षेत्र स्थित लहुरी काशी वासियों ने बीएसएफ जवान उमाशंकर को कैथी गंगाघाट पर सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी. उनके पैतृक गांव बहदिया समीर गाजीपुर में शोक की लहर है. मुखाग्नि उनके भतीजे रोहित ने दी. कैथी गंगा घाट पर एनडीआरएफ की टीम ने जवान को अंतिम विदाई दी.
गाजीपुर: बीएसएफ जवान को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निवासी बीएसएफ जवान की बुधवार को जम्मू के मेंढर में मौत हो गई. उन्हें मेंढर पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान सांस लेने में समस्या के चलते आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके शव को गाजीपुर के कैथी गंगाघाट पर सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.
सांस लेने में थी दिक्कत
बता दें कि बीएसएफ जवान उमाशंकर जम्मू के मेंढर पोस्ट में तैनात थे. बुधवार को उन्हें सांस लेने में समस्या हुई, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. देर रात उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. शव पहुंचते ही गांव में मातम पसर गया. जिला प्रशासन और पुलिस कर्मियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
जवान के शव यात्रा पर हुई भारत माता की जयघोष
बीएसएफ जवान उमाशंकर को उनकी पत्नी मीरा और इकलौती बेटी मिथिलेश कुमारी ने कंधा दिया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भारी संख्या में लोग शव यात्रा में भारत माता की जय के नारे लगाते हुए शामिल हुए. मार्कंडेय महादेव स्थित गंगा घाट पर बीएसएफ जवान उमाशंकर के छोटे भाई जयप्रकाश के पुत्र रोहित कुमार ने उनके शव को मुखाग्नि दी.
गंगा घाट पर सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिए सैकड़ों की भीड़ उमड़ पड़ी. युवाओं ने लगातार देशभक्ति और उमाशंकर अमर रहे के नारे लगाए. घाट पर एनडीआरएफ वाराणसी की 11 यूनिट द्वारा सैन्य सम्मान के साथ उन्हें सलामी दी गई. वहीं जवान के शव से तिरंगा उतारकर उनके इकलौती पुत्री को सौंपा गया. इस दौरान सबकी आंखें नम हो गईं. लहुरी काशी वासियों ने अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए अपनी माटी के लाल को अंतिम विदाई दी.