गाजीपुर: अक्सर राजनीति में दागी नेताओं को पार्टियां टिकट देती हैं, लेकिन अब दागियों को वोट देना है कि नहीं यह जनता को तय करना होगा. अब नेता जनता को गुमराह नहीं कर सकेंगे. चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है. इसके तहत आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को नामांकन से मतदान के बीच अपने सभी आपराधिक रिकॉर्ड की पूरी जानकारी समाचार पत्रों और मीडिया के माध्यम से जनता को बताना होगा.
लोकसभा चुनाव 2019: अब उम्मीदवार खुद बताएंगे जनता को अपनी आपराधिक हिस्ट्री - लोकसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव में दागी नेताओं को लेकर चुनाव आयोग सख्त हो गया है. चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश देते हुए सभी प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी मीडिया के माध्यम से जनता को देने की बात कही है.
ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि जनता अपने प्रत्याशी की हकीकत से वाकिफ हो सके. सभी तथ्य जानने के बाद जनता अपना वोट किसे दे यह तय कर सके. इस निर्देश के मुताबिक प्रत्याशियों को नामांकन से मतदान के बीच तीन से चार बार अपने सभी आपराधिक मामलों की जानकारी मतदाताओं को देनी होगी. यह सभी रिकॉर्ड प्रदर्शित हुआ या नहीं इसकी पुष्टि भी चुनाव आयोग करेगा.
इस मामले में जिलाधिकारी के बालाजी ने बताया कि सभी प्रत्याशियों को फॉर्म 26 के एफिडेविट में पूर्व और वर्तमान में चल रहे अपने सभी आपराधिक मुकदमों की जानकारी देनी होगी. नामांकन और मतदान के बीच आपराधिक इतिहास की जानकारी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से तीन बार दिया जाना आवश्यक है. एमसीएमसी समिति के मानकों के अनुरूप सरकारी मूल्य पर विज्ञापन की ओर से यह तथ्य जनता को बताए जाएंगे, ताकि स्वच्छ और पारदर्शी मतदान संपन्न हो सकें.