गाजीपुर: जहा एक तरफ प्रदेश सरकार आम नागरिकों के बेहतर और फ्री इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों पर हर महीने करोड़ों रूपए खर्च कर रही है. वहीं यूपी के गाजीपुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की मिलीभगत से पूरा अस्पताल परिसर दलालों का अड्डा बन गया है. जिला अस्पताल के ओपीडी में मरीजों के इलाज के दौरान दलालों का किस तरह से शिकार होना पड़ता है. इसका जीता जागता प्रमाण ईटीवी के कमरे में कैद हो गया. जिस समय ईटीवी भारत की टीम जिला अस्पताल में डॉक्टर के पास पहुंची तो ईटीवी भारत के कैमरे को देख दलाल वहां से भागता नजर आया. वहीं जिला अस्पताल में जन औषधि केंद्र की स्थापना कराई गई है, लेकिन डॉक्टरों के द्वारा जन औषधि केंद्र की दवा न लिखकर बाहर के मेडिकलों की दवा लिखी जाती है. जिससे मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
वहीं एक और वाक्या सामने आया कि जिला अस्पताल परिसर में प्राइवेट एंबुलेंसो का भी कब्जा रहता है. जिसका नजारा ईटीवी के कैमरे में कैद हो गया. जिला अस्पताल ओपीडी के सामने जितने भी एंबुलेंस खड़ी मिली वह सभी एंबुलेंस प्राइवेट थी और वह ओपीडी के सामने खड़ी मिली. इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा संचालित हो रही एक भी एंबुलेंस खड़ी नहीं मिली. वहीं ओपीडी के मुख्य गेट के बाहर खंभे पर लिखा है नो पार्किंग जहां पर काफी संख्या में दो पहिया वाहन खड़े दिखे. जिसकी वजह से अस्पताल परिसर में आए मरीजों को एंबुलेंस से चढ़ने उतरने में भी काफी परेशानियां होती हैं.
सीएमएस ने कहा कि जल्द ही दूर हो कर लेंगे अस्पताल की समस्याएं
इन सभी तमाम दूर व्यवस्थाओं को लेकर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया कि इन सारी समस्याओं को हम दूर करने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि आगे से अस्पताल परिसर में न तो दलाल दिखेंगे और न ही प्राइवेट एंबुलेंस.