गाजीपुर:जिले में गंगा की स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए गंगा यात्रा शुरू की गई है. बलिया से शुरू होकर गंगा यात्रा गाजीपुर पहुंची. आज यह गंगा यात्रा वाराणसी के लिए प्रस्थान करेगी. इस दौरान कृषि विभाग में मॉडल के माध्यम से बताया कि कैसे किसानों के सहयोग से मृदा संरक्षण और गंगा की अविरलता-निर्मलता में कृषि विभाग योगदान दे रहा है. कैसे जीरो बजट और गो आधारित खेती से गंगा स्वच्छ होगी.
फर्टिलाइजर के प्रयोग से प्रदूषित हो रही गंगा
गाजीपुर कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर किशोर कुमार सिंह ने बताया कि हमने दो मॉडल तैयार किए गए हैं. एक तो हमने जीरो बजट फार्मिंग सिस्टम का मॉडल दिया है, जिसमें वर्मी कंपोस्टिंग सीटबेड तकनीक और मल्चिंग तकनीक दिखाने का प्रयास किया है, क्योंकि लगातार पेस्टीसाइड और फर्टिलाइजर के प्रयोग से उसकी अपशिष्ट प्रभाव से गंगा दिन-प्रतिदिन प्रदूषित हो रही हैं. भूमि की उर्वरता धीरे-धीरे नष्ट हो रही है.
ऑर्गेनिक फार्मिंग और जैविक खेती से बढ़ेंगी उर्वरा शक्ति
उन्होंने बताया कि अगर हम ऑर्गेनिक फार्मिंग, जैविक खेती और जीरो बजट खेती पर आधारित फार्मिंग करें तो मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ने के साथ ही गंगा में मिट्टी से मिलने वाले विषाक्त पदार्थ भी गंगा में नहीं मिलेगे. बेड तकनीक के माध्यम से बेड पर गेहूं या कोई भी सीरियल क्रॉप को हम उगाते हैं. साथ ही उसके किनारे नालियां बनाते हैं, जहां नालियों के बीच में हम दाली फसलों के साथ सहफसलि फसली खेती करते हैं, जिसके बाद उसकी मल्चिंग करते हैं.