एसपी ओमवीर सिंह ने बताया. गाजीपुर: बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. गाजीपुर पुलिस ने 11 और 12 अगस्त को मोहम्मदाबाद और गाजीपुर कोतवाली में शिकायतों के आधार पर 2 और नए मुकदमे मुख्तार अंसारी, दोने बेटे के साथ उनके परिवार के सदस्यों पर दर्ज किया है. एसपी ओमवीर सिंह ने सोमवार को मामला दर्ज होने की जानकारी दी है.
फर्जी कागजात पर सरकारी भूखंड बेचाःएसपी ओमवीर सिंह ने बताया कि गाजीपुर के अधिशासी अधिकारी वीरेंद्र राव द्वारा सबूतों के साथ मोहम्मदाबाद कोतवीली में तहरीर दी गई है. आरोप है कि मुख्तार अंसारी की बहन फहमीदा अंसारी और उनके पति एजाजुल अंसारी के नाम पर मोहम्मदाबाद नगर पालिका क्षेत्र में सरकारी भूखंडों में हेरफेर करके फर्जी कागज तैयार किया गया. इन्हीं फर्जी कागजातों के आधार पर रातों रात फहमीदा के नाम पर भूखंडों का ट्रांसफर कराया गया था. इसके बाद उन भूखंडों को प्लाटिंग करके बेच दिया गया. एसपी ने बतयाा कि यह मामला साल 2002 का है. इस परिपेक्ष में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद मोहम्दाबाद वीरेंद्र राव द्वारा जांच के उपरांत मोहम्मदाबाद कोतवाली में 11 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए विवेचना की जा रही है.
डरा-धमकाकर जमीन की कराई थी रजिस्ट्रीःएसपी ने बताया कि जबकि दूसरा मुकदमा 12 अगस्त को गाजीपुर के मशहूर व्यापारी नेता अबू फखर खान ने सदर कोतवाली क्षेत्र में दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि सदर कोतवाली क्षेत्र रौजा में एक कमर्शियल भूखंड पर तत्कालीन मऊ विधायक मुख्तार अंसारी ने जबरदस्ती रजिस्ट्री करवा ली थी. जिसमें मुख्तार अंसारी, आफसा अंसारी, विधायक बेटा अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और मुख्तार के दोनों साले आतिफ रजा और अनवर शहजाद शामिल थे. अबू फखर खान का आरोप है कि 2012 में जब मुख्तार अंसारी साल लखनऊ जेल में बंद थे. तब उन्होंने उनके खाते में 20 लाख रुपये डालकर और उस खाते का एडवांस चेक लेकर सारा पैसा निकाल लिया. इस भूखंड में उन्हें एक भी पैसा नहीं दिया गया. साथ ही इन लोगों द्वारा उनके भूखंड को जबरदस्ती लिखवा लिया गया था. व्यापारी नेता ने पुलिस को बताया कि जबकि रजिस्ट्री में 25 लाख रुपये दर्शाया गया था. जिसमें साढ़े चार लाख नगद दिखाया गया है. इस मामले में वह बीते साल 2012 से अब तक चुप बैठा था.
दोनों भूखंड मुख्तार के परिजनों के नामःएसपी ने बताया कि इन दोनों भूखंड पर मुख्तार अंसारी के परिजनों का नाम है. इसलिए इस 191 गैंग सरगना के मुख्तार अंसारी की इन दोनों प्रॉपर्टियों को जिला प्रशासन द्वारा गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की जा रही है. लेकिन इन दोनों प्रॉपर्टियों में शिकायत आने के बाद एक नए मुकदमे दोनों प्रॉपर्टियों पर मुख्तार अंसारी, उनके विधायक बेटे अब्बास अंसारी और उनके परिवार के साथ मोहम्मदाबाद के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी लिपिक और तत्कालीन अध्यक्ष शमीम अहमद जो अंसारी परिवार के करीबी हैं, उनके खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना की जा रही है.
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