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पढ़ाई में 29वें स्थान पर यूपी, फिर भी सड़कों पर रौंदी जा रही किताबें! - भारत की साक्षरता दर

साक्षरता दर के मामले में उत्तर प्रदेश की गिनती देश के सबसे फिसड्डी राज्यों में होती है. इसे सुधारने के तमाम दावे किए जाते हैं लेकिन हालात में कोई खास फर्क नजर नहीं आता है. इसके बावजूद यूपी के गाजीपुर में किताबें सड़कों पर रौंदी जा रही हैं.

गाजीपुर में सड़कों पर रौंदी जा रही किताबें.

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Published : Jul 28, 2019, 1:09 PM IST

गाजीपुर: जनपद के स्टीमर घाट से वीर अब्दुल हमीद सेतु को जोड़ने वाली सड़क पर किताबों की बदहाली का नजारा देखने को मिल रहा है. यहां किताबें सड़कों पर फेंक दी गई हैं. इन किताबों पर धड़ल्ले से वाहन गुजर रहे हैं. साथ ही पैदल यात्री भी अपने पैरों तले इन किताबों को रौंदकर निकल रहे हैं.

गाजीपुर में सड़कों पर रौंदी जा रही किताबें.
सड़क पर बिछा डालीं किताबें
पूरा मामला गाजीपुर के नवाबगंज का है. यहां सड़क पर हजारों किताबें बिखरी पड़ी हैं. लगातार वाहनों के गुजरने से इन किताबों का चूरन बनता जा रहा है. इन किताबों में तमाम किताबें अभी सीलबंद हैं जो बिल्कुल नई हैं. यह हाल तब है जब यूपी में साक्षरता मेरिट के आधार पर 29वें स्थान पर है.
गाजीपुर में सड़कों पर रौंदी जा रही किताबें.
सबसे फिसड्डी साक्षर राज्यों में यूपी

साक्षरता के लिए 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक यूपी की हालत बदतर बनी हुई है. केरल जैसे राज्यों की साक्षरता दर 93.91 प्रतिशत है. वहीं, यूपी की साक्षरता दर पूरे भारत की औसत साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत से भी कम है. भारत की औसत साक्षरता दर से कम आंकड़े वाले राज्यों में यूपी का नंबर उड़ीसा, आसाम, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश से भी आगे है. कुल 35 राज्यों की बनी सूची में यूपी से नीचे सिर्फ जम्मू कश्मीर, आंध्रप्रदेश, झारखंड, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश और बिहार हैं.

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