गाजीपुर: बुधवार को दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी, गाजीपुर से वर्तमान सांसद अफजाल अंसारी समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. इससे उत्साहित बसपा कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया. बसपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि सत्य की जीत हुई है. सत्य परेशान हो सकता है लेकिन हार नहीं सकता.
गाजीपुर: कृष्णानंद राय हत्याकांड में सभी आरोपी बरी, बसपा कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल
बसपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपियों के बरी होने पर एक दूसरे का मिठाइयां बांटी. उनका कहना था कि सत्य की जीत हुई है. 29 नवम्बर 2005 को बीजेपी विधायक की हत्या उस समय कर दी गई जब वह मुहम्मदाबाद विधानसभा में एक क्रिकेट प्रतियोगित का उद्घाटन करने के बाद साथियों के साथ वापस लौट रहे थे.
क्या है पूरा मामला
- 29 नवंबर 2005 की शाम भांवरकोल क्षेत्र के बसनिया पुलिया के पास अपराधियों ने स्वचालित हथियारों से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और उनके छह साथियों की हत्या कर दी थी.
- मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के सियाड़ी गांव में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद बसनिया चट्टी पर इस पूरी घटना को अंजाम दिया गया था.
- जब कृष्णानंद राय का काफिला बसनिया चट्टी से आगे बढ़ा तब हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई.
- मारे गए सातों लोगों के शरीर से 67 गोलियां बरामद की गईं.
- यही नहीं मुखबिरी इतनी सटीक थी कि अपराधियों को पता था कि कृष्णानंद राय अपनी बुलेट प्रूफ वाहन में नहीं हैं.
- कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय की ओर से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था.
- बाद में अलका राय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई.
- अलका राय ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है.
ऐसे में सुनवाई के दौरान गवाहों के जान का भय है. अलका राय के वकील की दलीलों से सहमत होते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूरे प्रकरण की सुनवाई गैर प्रदेश की कोर्ट में करने की मंजूरी दे दी.तत्कालीन शासक के अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि साक्ष्यों के अभाव में सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. मरने वालों में विधायक कृष्णानंद राय, मुहम्मदाबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख श्यामाशंकर राय, भांवरकोल ब्लाक के मंडल अध्यक्ष रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, मुन्ना यादव और उनके अंगरक्षक निर्भय नारायण उपाध्याय शामिल थे.