उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

OBC आरक्षण पर बोले BSP सांसद अफजाल अंसारी- सरकार की नीति और नियत का हुआ पर्दाफाश - ओबीसी आरक्षण पर बीएसपी सांसद का बयान

गाजीपुर में ओबीसी आरक्षण पर बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि सरकार की नीति और नियत का पर्दाफाश हो गया है.

बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी
बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी

By

Published : Dec 30, 2022, 3:45 PM IST

ओबीसी आरक्षण पर बीएसपी सांसद का बयान

गाजीपुर: निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का बाजार इन दिनों गर्म है. निकाय चुनावों में ओबीसी वर्ग को रिजर्वेशन दिए जाने के मसले पर बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी ने यूपी सरकार पर तीखा हमला बोला है. अंसारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण पर यूपी सरकार की नीति और नियत का पर्दाफाश हो गया है.

गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर जवाब देते हुए कहा कि सरकार की नीयत का पर्दाफाश हो गया है. योगी सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि वह बिना आरक्षण के चुनाव कराने के हाइकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी. आरक्षण लागू करने के बाद ही निकाय चुनाव कराए जाएंगे. भले ही चुनावों को आने वाले मार्च-अप्रैल के महीनों में ही कराना पड़े. सरकार के बोलने और व्यवहार में बहुत अंतर देखने को मिल रहा है. सरकार चाहें तो चुनाव करवा दे. ऐसा करने का उनके पास इलाहाबाद कोर्ट के फैसले का आधार भी है. लेकिन, सरकार जानती है कि ऐसा कराने से सरकार को राजनीतिक रूप से नुकसान होगा.

अंसारी के अनुसार सरकार का ओबीसी वर्ग को धोखा देकर वोट लेने के मंसूबे से पर्दा हट जाएगा. बैकवर्ड लोगों में इस बात को लेकर बहुत चिंता है. सभी दलों के अलावा ओबीसी वर्ग के लोग शैक्षणिक रूप से, आर्थिक और सामाजिक रूप से भी चिंतित है. हमारे देश में पहले भी राजनीतिक तौर पर आरक्षण दिए जाने को लेकर चर्चा हो चुकी है. संविधान में जो व्यवस्था है. उसके अनुरूप एक आयोग पहले भी बन चुका है. मंडल आयोग एक ऐसा ही आयोग था, जिसके रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी के आरक्षण दिया गया था. सरकार की कथनी और करनी से पर्दा उठ चुका है.

अंसारी ने कहा कि सरकार की ओर से समाज के अपर क्लास के लोगों को यह बताया जाता है कि सरकार आरक्षण विरोधी है. इस बात को लेकर लोगों में गलतफहमी भी है. अगर सरकार वाकई आरक्षण विरोधी है, तो फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का क्या तर्क बनता है. वैसे भी हाइकोर्ट ने डायरेक्शन दिया है कि बिना आरक्षण चुनाव कराया जाए.

यह भी पढ़ें-वाराणसी में घटा बाल विवाह का ग्राफ, चार वर्ष में 39 किशोरियों का हुआ रेस्क्यू

ABOUT THE AUTHOR

...view details