गाजीपुर : कांकोर, छत्तीसगढ़ में गश्त के दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आईडी ब्लास्ट में वीरगति को प्राप्त हुए बीएसएफ जवान अखिलेश राय सैनिक सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन में हो गए. अखिलेश को मुखाग्नि छोटे बेटे ने दी. इस मौके पर गाजीपुर की डीएम आर्यका अखौरी और एसपी ओमवीर सिंह की मौजूदगी में उन्हें सैन्य सैलूट के साथ अंतिम विदाई दी गई. इसके अलावा शहीद अखिलेश राय के गांव के आसपास से सैकड़ों लोग अंतिम दर्शन को पहुंचे थे.
बता दें, गाजीपुर की मुहम्दाबाद तहसील के शेरपुर खुर्द गांव निवासी बीएसएफ जवान अखिलेश राय वर्तमान में छत्तीसगढ़ के कांकोर जिले में बटालियन के साथ तैनात थे. बीते गुरुवार को नक्सल प्रभावित इलाके में गश्त के दौरान अखिलेश राय नक्सलियों की बिछाई माइंस की चपेट में आ गए थे. जिसके बाद उनके सहयोगी उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डाॅक्टरों ने उन्हें शहीद घोषित कर दिया. वीरगति को प्राप्त अखिलेश राय की दुखद सूचना परिजनों को उसी रात फोन से मिल गई थी और घर में कोहराम मच गया था.
शहीद अखिलेश राय की बड़ी बेटी श्रुति राय ने बताया कि मैं पढ़ रही थी तभी ये सूचना मिली कि पिताजी के साथ दुर्घटना हो गई है, लेकिन मुझे क्लियरली नहीं बताया गया. फिर मैं बड़े पिताजी के घर गई तो पता चला कि पिताजी के साथ कुछ बड़ी घटना हो गई है. बाद में पता चला कि गश्त के दौरान लैंड माइंस में उन्हें चोट लगी और वे वीरगति को प्राप्त हो गए हैं. श्रुति ने बताया कि दुर्घटना से कुछ समय पहले ही पिता जी बात हुई थी. उन्होंने जीवन में आगे बढ़ने और देश और उनका नाम रोशन करने की सलाह दी थी. श्रुति बीएसएफ जवान अखिलेश राय की तीन बेटियों में सबसे बड़ी हैं और इंटरमीडिएट की छात्रा हैं. श्रुति की दो छोटी बहने हैं और सबसे छोटा एक भाई है. जिसने अपने बड़े पिता जी की देखरेख में शहीद पिता को मुखाग्नि दी. गाजीपुर के शेरपुर गंगा घाट पर ले जाते समय तीनों बच्चों ने शहीद पिता के पार्थिव शरीर को सैल्यूट किया और भारत माता की जय के नारे लगाए. इस दौरान शहीद अखिलेश राय की पत्नी विंध्या राय बेसुध रहीं. उन्हें परिजनों ने सहारा देकर किसी तरह पति के अंतिम दर्शन कराए.