गाजियाबाद/गाजीपुर बॉर्डर:दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर तीन कृषि कानून वापसी की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन का एक साल पूरा हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों तीनों कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा भी की है. लेकिन इसके बावजूद किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर आंदोलनरत हैं.
प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों से ईटीवी भारत ने बात की, किसानों ने कहा कि जब तक सरकार वैधानिक तरीके से कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है, एमएसपी और मारे गए किसानों को न्याय नहीं मिलता है, तब तक का किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
दरअसल, ईटीवी भारत ने गाजीपुर बॉर्डर पर एक साल से कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर एक साल से आंदोलन कर रहे कुछ किसानों से बात की. आंदोलनकारी किसान सुनील कुमार का कहना है कि सरकार ने कृषि कानून वापस लेने का फैसला उत्तर प्रदेश, पंजाब व अन्य राज्य में होने वाले चुनाव के मद्देनजर लिया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए चुनाव में जिस तरीके से नतीजे रहे उससे सरकार को कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस तरीके से कृषि कानून को लागू किया था उसी तरह से जब तक वापस नहीं लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसान का कहना है कि इससे पहले भी सरकार कई बार जुमलेबाजी कर चुकी है. सुनील का कहना है कि जिस तरीके से प्रधानमंत्री भाषण देते हैं उतना जमीन पर काम दिखाई नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पेट्रोल, डीजल और खाद के दाम आसमान छू रहे हैं पर इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.