गाजियाबाद: एक तरफ कोरोना काल में लोग आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं तो वहीं बीते दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से सब्जियों के दामों में इजाफा हो गया है. मुख्य सब्जियां जैसे प्याज, टमाटर, और आलू के दामों में 30 से 40 फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है. टमाटर के दाम 50 किलो के पार पहुंच गए हैं. इसका सीधा असर घर की रसोई पर पड़ा है.
सब्जियों का रेट बढ़ने से बिगड़ा बजट. बिगड़ा किचन का बजट
गृहिणियों का कहना है कि पहले से मंदी की मार झेल रहे आम लोगों पर ही महंगाई का झटका काफी ज्यादा परेशान कर रहा है. पिछले एक हफ्ते में किचन में उथल-पुथल मच गई है, क्योंकि एक हफ्ते के भीतर ही सब्जियों के दामों में काफी ज्यादा इजाफा होने से समझौते की नौबत आ गई है.
कोरोना के साथ मौसम की मार
जानकार बता रहे हैं कि मौसम खराब होने की वजह से ट्रांसपोर्ट पर नकारात्मक फर्क पड़ा है. इसकी वजह से सब्जियों की सप्लाई ठीक से नहीं हो पा रही है. डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने से रेट्स में इजाफा हो रहा है हालांकि जानकार कहते हैं कि यह थोड़े वक्त के लिए है. बारिश के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा. वहीं आम आदमी का कहना है कि वह क्या करें क्योंकि जहां एक तरफ इनकम में काफी कमी आई है तो दूसरी तरफ जरूरत की चीजों के रेट बढ़ने से बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है.
आफत की बारिश
गाजियाबाद में बारिश का असर कुछ ज्यादा ही है. इसे आफत की बारिश कहें तो गलत नहीं होगा. 2 दिन में ही हुई बारिश की वजह से कई बड़ी समस्याओं का सामना लोगों को करना पड़ा. एक तरफ लोनी में मकान का हिस्सा गिर गया तो दूसरी तरफ सड़कें तालाब में तब्दील हो गईं. बड़ी-बड़ी सोसायटीज में पानी भरने की खबरें आई. मकानों की नींव तक कमजोर हो रही हैं. ऐसा हर साल होने के बावजूद इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना प्रशासन की बड़ी लापरवाही को उजागर करता है.