नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : ग़ाज़ियाबाद में रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम के तहत दिल्ली-मेरठ मार्ग पर बनाए जा रहे मुरादनगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण कार्य अगले चरण में पहुंच गया है. मुरादनगर एलिवेटेड स्टेशन के सभी पिलर का निर्माण कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है. स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल के निर्माण के लिए भी पियर आर्म्स बनाए जा चुके हैं. अब स्टेशन के प्लेटफॉर्म लेवल का निर्माण भी शुरू हो गया है.
एनसीआरटीसी के अन्य आरआरटीएस स्टेशन की तरह मुरादनगर स्टेशन के कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल का निर्माण भी प्रीकॉस्टेड प्राइमरी और सेकेंड्री बीम, पियर आर्म्स, स्टेशन के क्रॉस आर्म्स वगैरह की मदद से किया जा रहा है. निर्माण के दौरान लोगों की असुविधा को कम करने और दिल्ली-ग़ाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को समय पर पूरा करने के लिए एनसीआरटीसी ने बड़े पैमाने पर प्रीकॉस्ट तकनीक को अपनाया है. मुरादनगर स्टेशन की लंबाई लगभग 215 मीटर, चौड़ाई लगभग 25 मीटर है और यह ग्राउंड से लगभग 20 मीटर ऊंचा होगा.
सिंगल फ्लोर डिजाइन पर मुरादनगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण
मुरादनगर आरआरटीएस स्टेशन एक यूनीक बैलेंस्ड कैंटिलीवर स्टेशन है. जिसका निर्माण दिल्ली-मेरठ मुख्य मार्ग के बीच स्पेशल रूप से डिजाइन किए गए सिंगल पिलर पर किया जा रहा है. ताकि पूरे स्टेशन का आधारभूत ढांचा नीचे जमीन पर कम से कम जगह ले और मुख्य मार्ग पर आने-जाने के लिए अप्रतिबंधित मार्ग प्रदान किया जा सके. पूरे स्टेशन का ढांचा और वायाडक्ट, स्टेशन के 11 केंद्रीय पिलर्स पर आधारित है. यह स्टेशन मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन प्रणाली के तहत तैयार किया जा रहा है.
मुरादनगर आरआरटीएस स्टेशन में होंगे तीन स्तर
मुरादनगर स्टेशन में तीन स्तर होंगे. जिसमें ग्राउंड लेवल, कॉनकोर्स लेवल और प्लेटफॉर्म लेवल शामिल हैं. कॉनकोर्स लेवल के लिए तैयार पिलर आर्म्स पर सेगमेंट्स लगाए जाने हैं. उसके बाद यहां यात्रियों के लिए एएफसी गेट, ग्राहक सेवा केंद्र, टिकटिंग काउंटर व सुरक्षा जांच समेत अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी. कॉनकोर्स स्तर पर ट्रेनों के संचालन के लिए आवश्यक विभिन्न तकनीकी कमरे भी होंगे. इसके अलावा यहां अग्निशामक प्रणाली, खुदरा आउटलेट, स्नैक वेंडिंग मशीन और वॉशरूम जैसी सुविधाएं भी होंगी.