गाजियाबाद: मुरादनगर श्मशान घाट हादसे के बाद निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल किए जाने के आरोपों के बाद बड़ी जानकारी सामने आई है. जानकारी के मुताबिक 6 महीने पहले ही इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
नगर विकास परिषद मुरादनगर के अध्यक्ष और नगर पालिका के नामित सदस्य महंत विजय पाल हितकारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जून 2020 में जिलाधिकारी को प्रथम शिकायत की गई थी. शिकायत में लिखा था कि श्मशान घाट गलियारे के निर्माण में ठेकेदार अजय त्यागी द्वारा घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है. शिकायत की प्रतिलिपि नगर विकास सचिव नगर और नगरपालिका मुरादनगर की भी भेजी गई थी लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
जिला प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई
पूरे मामले को अधिकारियों के संज्ञान में लाने के लिए जुलाई 2020 में दोबारा शिकायत की गई लेकिन अधिकारियों ने कोई सुध न ली. अधिकारियों ने अगर समय रहते शिकायत पर संज्ञान लिया होता तो आज 25 लोगों को जान ना गंवानी पड़ती. महंत विजय पाल हितकारी ने कहा कि मैंने खुद जिला मुख्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी शिकायत दी थी. निर्माण कार्य में केवल घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया. वह लगातार इस तरह की शिकायत पर आला अधिकारी को किया करते थे. जिसके एवज में उन्हें धमकियां भी मिलती थी. कैमरे पर हितकारी ने यह भी बताया कि नगरपालिका में अधिकारियों को हर निर्माण कार्य में कमीशन जाता है.
25 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार दोपहर श्मशान घाट के प्रवेश द्वार के साथ बने गलियारे की छत गिरने से मलबे में दबने के कारण करीब 25 लोगों की मौत हो गई थी और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.