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हर सांस में घुल रह प्रदूषण का 'ज़हर', गैस चैंबर बना Ghaziabad, AQI पहुंचा 400 के पार

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Published : Dec 26, 2021, 12:49 PM IST

उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद आज गैस चेंबर में तब्दील हो गया है. गाज़ियाबाद का प्रदूषण स्तर डार्क रेड जोन (Dark Red Zone) में है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 418 पहुंच गया है.

गाजियाबाद न्यूज.
गाजियाबाद न्यूज.

गाजियाबाद:गाजियाबाद में प्रदूषण कहर बरपा रहा है. हवा में घुल रहे प्रदूषण के ज़हर ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. हवा में घुल रहे प्रदूषण स्तर के चलते लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. रविवार को गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर डार्क रेड ज़ोन (Dark Red Zone) में दर्ज किया गया है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (Air Quality Index) 418 है. हालांकि मौजूदा समय में गाज़ियाबाद का AQI गंभीर श्रेणी में बरकरार है.

एक नज़र दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर पर-

शहर प्रदूषण स्तर
गाजियाबाद 418
दिल्ली 458
ग्रेटर नोएडा 415
नोएडा 432
गुरुग्राम 373
फरीदाबाद 445


गाजियाबाद के लोनी इलाके के प्रदूषण स्तर की बात करें, तो यहां का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जनपद में सबसे अधिक दर्ज किया गया है. लोनी का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 490 दर्ज किया गया है.

गाजियाबाद के प्रदूषण स्तर पर एक नजर-

गाजियाबाद के इलाके प्रदूषण स्तर
इंदिरापुरम 397
वसुन्धरा 376
संजय नगर 409
लोनी 436


एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.

वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

बरतें सावधानी-

० बच्चे, बुजुर्ग और दमा रोगी सुबह और शाम को न टहलें.

० घर से मास्क लगाकर ही बाहर न जाएं.

० दमे रोगी इन्हेलर का नियमित इस्तेमाल करें.

० दमे के रोगी दवा नियमित समय पर लें.

० शाम को गर्म पानी की भाप लें.

० गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारा करें.

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