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शौक पूरे करने के लिए अपराध की दुनियां मे रखा कदम, 3 साथियों समेत 12वीं फेल युवक गिरफ्तार - इंटरनेट बैंकिंग

गाजियाबाद में 12वीं फेल युवक ने नया मोबाइन नंबर लिया और उसी नंबर से पैसे का फ्रॉड किया और अपने साथियों समेत हवालात पहुंच गया. जानिए क्या है पूरा मामला.

फ्रॉड मामले में गिरफ्तार
फ्रॉड मामले में गिरफ्तार

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Published : Aug 9, 2021, 12:14 PM IST

गाजियाबाद : अपने घर में टीवी, फ्रिज, एसी, वाशिंग मशीन और मोबाइल फोन खरीदने के लिए 12वीं फेल युवक ने एक ऐसी साजिश रची जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. पुलिस ने आरोपी और उसके 3 साथियों को गिरफ्तार किया है. यह खबर उन लोगों के लिए भी जरूरी है, जो पुराना मोबाइल नंबर बंद करके नया नंबर इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं. लेकिन एक गलती कर बैठते हैं. जिसके चलते उन्हें लाखों का चूना लग जाता है.

मामले की जानकारी देते पुलिस अधिकारी

दरअसल, मामला गाजियाबाद का है जहां मधुबन बापूधान पुलिस ने विपिन राठौर नाम के युवक को उसके 3 साथियों के साथ गिरफ्तार किया है. चारों आरोपी 12वीं फेल हैं. बताया जा रहा है कि विपिन कोई काम नहीं करता है, लेकिन उसे ऐशो आराम की जिन्दगी पसंद है. अपने शौक पूरे करने के लिए विपिन ने अपराध का रास्ता चुना और 15 लाख का फ्रॉड किया.

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पुलिस के मुताबिक, हाल ही में विपिन ने एक नया मोबाइल सिम एक्टिवेट करवाया था. नए नंबर को लेने के बाद विपिन को पता चला कि इससे पहले ये नंबर गौरव गुप्ता नाम के व्यक्ति के पास था. गौरव गुप्ता द्वारा इस नंबर को बंद कर दिया गया था जिसके थोड़े दिन बाद ही कंपनी ने वही नंबर विपिन को इशू कर दिया. विपिन को पता चलते ही उनसे एक साजिश रची और उसने अपने एक साथी की मदद से पीड़ित का फर्जी आधार कार्ड बनवाया और उसी फर्जी आधार के जरिए इंटरनेट बैंकिंग को दोबारा शुरू करवा लिया और 15 लाख रुपए से ज्यादा की रकम पीड़ित के अकाउंट से निकाल लिया. आरोपियों ने इससे पुरानी गाड़ी, एसी, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन और मोबाइन फोन खरीदे थे. वहीं अब पुलिस पकड़े गए चारों आरोपियों का अन्य आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगालने में जुटी हुई है.

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अब चलिए आपको बताते हैं कि पीड़ित गौरव गुप्ता से कहां पर बड़ी चूक हुई जिससे आरोपियों ने उन्हें 15 लाख का चूना लगा दिया. दरअसल इस मामले में पीड़ित गौरव ने पूराना नंबर बंद करवा कर नया नंबर तो ले लिया, लेकिन पुराने नंबर को अपने इंटरनेट बैंक अकाउंट से डीरजिस्टर नहीं करवाया. इसी का नतीजा ये हुआ कि जितने भी बैंक के मैसेज थे वह पुराने नंबर पर ही जा रहे थे. हालांकि 3 महीने तक संबंधित नंबर पर कोई बैंकिंग एक्टिवीटी नहीं होने से बैंक ने पीड़ित के अकाउंट की इंटरनेट बैंकिंग सुविधा को बंद कर दिया था. यही बात आरोपी विपिन को पता चली तो उसने फर्जी आधार कार्ड बनवाया और उसी फर्जी आधार के माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग को दोबारा शुरू करवा लिया. पीड़ित के पुराने डीएक्टिवेट हुए मोबाइन नंबर पर ही ओटीपी आने लग गया. जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस में अपने अकाउंट से 15 लाख रुपये से ज्यादा की रकम निकाले जाने की कम्प्लेन की. जिसके बाद पुलिस ने तहकीकात की और आरोपियों को गिरफ्तार किया.

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हालांकि पुलिस ने ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को सलाह दी है कि अगर आप अपना कोई पुराना मोबाइन नंबर बंद कर रहे हैं, तो उसकी जानकारी अपने बैंक को जरूर दें और नया नंबर वहां पर अपडेट करवा दें. पुलिस का कहना है कि, अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपके साथ इसी तरह की ठगी हो सकती है.

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