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Published : Jul 4, 2020, 1:37 PM IST

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गाजियाबाद: 'कब्रिस्तान में शव दफनाने को करना पड़ता है संघर्ष'

गाजियाबाद के मुरादनगर में कोरोना वायरस से मौत हो जाने पर मुस्लिम समुदाय को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बारे में मुरादनगर में बसपा के नगर अध्यक्ष इमरान एडवोकेट ने ईटीवी भारत की टीम से अपनी बात साझा की.

नगर अध्यक्ष इमरान एडवोकेट
नगर अध्यक्ष इमरान एडवोकेट

गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मुरादनगर में बसपा के नगर अध्यक्ष इमरान एडवोकेट का आरोप है कि मुरादनगर के शहबिस्वा गांव में 13 कब्रिस्तान हैं. लेकिन किसी की कोरोना वायरस से मौत हो जाती है, तो लोकल की राजनीति करने वाले लोग शव को दफनाने नहीं देते हैं. साथ ही माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं. इसको संभालने के लिए पुलिस प्रशासन को बुलाना पड़ता है.

कब्रिस्तान में शव दफनाने को लेकर होती है राजनीति

मृतक को दफनाने में आई दिक्कत

बसपा के नगर अध्यक्ष इमरान एडवोकेट ने बताया कि मुरादनगर के नूरगंज मोहल्ले में उनके रिश्तेदार की कोरोना वायरस से मौत हो गई थी. इसके बाद प्रशासन से अनुमति के बाद उनको शहबिस्वा गांव के कब्रिस्तान में दफनाया जाना था, लेकिन जब उनकी बॉडी को कब्रिस्तान लेकर पहुंचे तो कुछ स्थानीय लोगों ने वहां वीडियोग्राफी करते हुए माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, जिस पर उन्होंने लोगों को समझाकर मामला शांत कराया.

कब्रिस्तान को लेकर की जाती है राजनीति

इसके साथ ही बसपा नगर अध्यक्ष इमरान एडवोकेट का आरोप है कि कब्रिस्तान के हिस्सेदार 13 बिरादरियों में जब किसी की मौत हो जाती है, तो वह शहबिस्वा कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए लेकर जाते हैं. ऐसे में वहां पर कुछ लोग पर्दे के पीछे रहकर राजनीति करते हैं, जिसमें कि शव दफनाने के लिए भी मृतक के परिजनों को संघर्ष करना पड़ता है. अब से पहले भी शव दफनाने को लेकर लोकल के राजनीति करने वाले लोग मृतक के परिजनों को परेशान करते हैं. कई बार पुलिस प्रशासन समय पर आकर मामले को शांत कराती है.

माहौल बिगाड़ने वालों के खिलाफ की जाए कार्रवाई

शहबिस्वा गांव में कब्रिस्तान में शव दफनाने के मामले को लेकर इमरान एडवोकेट ने प्रशासन से अपील करते हुए कहा है कि ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए जो कि गंदी राजनीति और लोगों को भड़काने के साथ ही व्यवस्था खराब करने का काम करते हैं. इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

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