गाजियाबाद: शामली कोतवाली क्षेत्र के गांव हसनपुर में पब्जी गेम खेलने के दौरान बच्चों के बीच हुए विवाद को लेकर बाद में बड़ों के बीच हुई फायरिंग के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मामले में शनिवार को पीड़ित ब्राह्मण समाज के लोगों ने अपने घरों पर पलायन के पोस्टर चस्पा कर दिए. इससे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया.
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को पुलिस ने रोका. आज इन्हीं ब्राह्मण समाज के लोगों से मिलने के लिए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम हसनपुर जा रहे थे. रास्ते में इनको मुरादनगर गंगनहर के पास पुलिस प्रशासन ने रोक लिया. ईटीवी भारत से बातचीत में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया कि वह शामली जा रहे थे. जहां पर ब्राह्मण परिवारों पर अत्याचार हो रहा है. यह सरकार की तानाशाही है. आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि एक हिंदू संत और कल के पीठाधीश्वों को एक संत जोकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, उनकी पुलिस रोक रही है. हमें जाने नहीं दे रही है.
'कंस, औरंगजेब के राज में भी इतना अत्याचार नहीं हुआ'
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पूछा कि क्या इस देश में इमरजेंसी लगी हुई है या फिर उत्तर प्रदेश में आपातकाल लागू हो गया है. अगर उनको पुलिस नहीं जाने देती है. तो वह सड़क पर ही बैठ जाएंगे और अपनी जान दे देंगे. प्रशासन ने उनको क्यों रोका है. इसका जवाब नहीं दिया जा रहा है. मैं नहर किनारे हूं इससे अच्छा मेरी भी गाड़ी पलट दो. इतना घोर अत्याचार कंस और औरंगजेब के राज में भी नहीं हुआ है.
'योगीराज में ब्राह्मणों पर हो रहा है अत्याचार'
ईटीवी भारत को कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्री सतीश शर्मा ने बताया कि प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने एक डेपुटेशन बनाया. जिसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम, प्रदीप माथुर, सतीश शर्मा, बदरुद्दीन, योगेश दिक्षित, जेके गॉड शामिल हैं. सभी लोग वहां जाकर असलियत जानना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने हमें रोक लिया.