गाजियाबाद : मुरादनगर श्मशान घाट हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे बसपा डेलिगेशन का कहना है कि सरकार की करनी और कथनी में फर्क है. हमें नहीं लगता कि सरकार द्वारा की गई घोषणाए पीड़ित परिवारों को मिल पाएंगी.
बसपा डेलीगेशन से बातचीत करते संवाददाता. मुरादनगर श्मशान घाट हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलने आने वाले राजनीतिक पार्टियों के डेलीगेशन का दौर जारी है. ऐसे में शुक्रवार को पीड़ित परिवारों से मिलने बसपा का डेलीगेशन पहुंचा, जिसमें बसपा सरकार के पूर्व मंत्री और वर्तमान में एमएलसी, विधायक और गाजियाबाद जिलाध्यक्ष सहित तमाम नेता शामिल हैं. इस हादसे को लेकर ईटीवी भारत ने बसपा नेताओं से खास बातचीत की.
प्रशासन नहीं हैं जागरूक
ईटीवी भारत से बातचीत में बसपा सरकार में राज्य मंत्री रहे दयाराम सेन ने बताया कि इस हादसे को लेकर प्रशासन जागरूक नहीं है. क्योंकि ऐसी घटनाएं पहले भी होती रही हैं. अगर ऐसे हादसा किसी बड़े व्यक्ति के साथ हुआ होता तो उसकी घोषणा 50 लाख रुपये या करोड़ों से होती है, लेकिन यहां कमजोर वर्ग के लोगों के साथ हुए हादसे में उनका आंकलन सिर्फ 10 लाख रुपये किया गया है. इसीलिए बीएसपी मांग करती है कि यह घोषणा पर्याप्त नहीं है.
निष्पक्ष तरीके से कराई जाए जांच
बसपा डेलिगेशन में पहुंचे नेता का कहना है कि इस मामले में जो एसआईटी की टीम गठित की गई है. उसकी जांच निष्पक्ष तरीके से कराई जाए. इसके साथ ही सरकार द्वारा की जा रही घोषणाओं से वह संतुष्ट नहीं है. क्योंकि यह सरकार जुमलेबाज सरकार है जो कि अपनी की गई घोषणाओं पर अमल नहीं करती है.
पीड़ित परिवार की हो सुरक्षा
बसपा नेता का कहना है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के निर्देशानुसार पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे हैं और सरकार ने जो घोषणाएं की हैं, वह ऊंट के मुंह में जीरा है. हमारी मांग है कि पीड़ित परिवारों की सुरक्षा की जाए.