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भैया दूज : डासना जेल में जाली के बीच से बहनों ने भाइयों के माथे पर लगाया तिलक - कड़ी सुरक्षा में कैदी

डासना जेल में कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए कड़ी सुरक्षा में सैकड़ों बहनों ने कैदी भाइयों से मुलाकात की. लोहे की जाली के बीच से बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाया और भैया दूज की रस्में अदा कीं. पुलिस के जवान, अधिकारी और संतरी इस भावुक पल के गवाह बने.

डासना जेल में बहनों ने भाइयों को लगाया तिलक
डासना जेल में बहनों ने भाइयों को लगाया तिलक

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Published : Nov 6, 2021, 8:05 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : भैया दूज पर डासना जेल में मुलाकातियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. जेल में कैद भाइयों से मिलने सैकड़ों बहनें पहुंचीं. कोरोना के खतरे को देखते हुए सैनिटाइजर और मास्क अनिवार्य कर दिया गया. मुख्य गेट पर गहन तलाशी के बाद ही अंदर जाने की इजाजत है. इस बार बहनों को कैदियों से मिलने के लिए RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट साथ लाना भी अनिवार्य किया गया.

लंबे समय बाद कैदी भाइयों से मिलने सैकड़ों बहनें नारियल और रोली लेकर डासना जेल पहुंचीं. बहनों ने भाइयों से मिलकर तिलक लगाया. इस दौरान कड़ी सुरक्षा के मद्देनजर कैदी भाइयों और बहनों के बीच जाली की दीवार मौजृूद रही. इस भावुक पल में बहनों ने जाली के बाहर से भाई के माथे पर तिलक लगाया. जाली की इस दीवार ने भाइयों के दिल पर इस कैद का गहरा असर डाला. कैदी भी बहनों से मिलकर काफी भावुक नजर आए.

भैया दूज के मौके पर बिना TR-PCR रिपोर्ट के पहुंची कई बहनों को निराश होक लौटना पड़ा. कोरोना के खतरे को देखते हुए उन्हें मेन गेट से ही वापस कर दिया गया. जेल प्रशासन के मुताबिक सुबह से शाम तक करीब 400 से ज्यादा बहनों को उनके भाइयों से मुलाकात करवाई गई गई. सुरक्षा की दृष्टि से जेल के कुछ हिस्से को बैरिकेड किया गया. स्थानीय पुलिस की ड्यूटी भी लगवाई गई. इसके अलावा जेल के कर्मचारी भी जगह-जगह तैनात किए गए थे. जेल के बंदी रक्षकों की ड्यूटी भी लगाई गई थी. मुलाकाती बहनों की सुविधा के लिए हेल्प डेस्क भी बनाया गया था. कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए किसी भी तरह की सामग्री लाने की इजाजत किसी को नहीं दी गई.

डासना जेल में बहनों ने भाइयों को लगाया तिलक
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जेल अधिकारियों ने बताया कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए खुली मुलाकात नहीं करवाई जा सकती थी. लिहाजा बीच में जाली की दीवार बनाकर मुलाकात करवाई गई है. जेल प्रशासन की पूरी कोशिश रही कि नियमों का पालन करते हुए पहुंचने वाली हर बहन को मुलाकात का मौका दिया जाए. फिर भी कई बहनें कड़े नियमों के चलते मुलाकात नहीं कर सकीं.

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