गाजियाबाद:जिले के साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र (Sahibabad industrial area) की पारस दूध फैक्ट्री (Paras milk factory) में बीती रात अमोनिया गैस का रिसाव हो गया. अमोनिया गैस(Ammonia gas) के कारण कई कर्मचारी बेहोश हो गए. घटना के समय फैक्ट्री में 25 कर्मचारी मौजूद थे. जानकारी पाकर मौके पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन करके स्थिति पर काबू किया. इस दौरान गंभीर हालत वाले 2 कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
मिली सूचना के अनुसार,पारस दूध के फैक्ट्री में सोमवार रात को करीब नौ बजे कर्मचारी अमोनिया गैस का प्रेशर बना रहे थे, इसी दौरान वॉल्व लीक हो गया और अमोनिया गैस का रिसाव होने लगा. कर्मचारियों ने रिसाव बंद करने की कोशिश तो की, लेकिन रिसाव बढ़ता गया. जिसके बाद दमकल विभाग को सूचना दी गई. सूचना पाकर सीएफओ सुनील सिंह दमकल की छह गाड़ियों को लेकर मौके पर पहुंचे. तब तक फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों में अफरातफरी मच गई.
कारणों की जांच की जा रही है
हादसे के कारणों की जांच की जा रही है. पारस दूध का यह प्लांट काफी बड़ा प्लांट है. जहां पर रात के समय भी कर्मचारी मौजूद होते हैं. मौके पर पहुंचे चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि इस स्थिति को काबू कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि अमोनिया गैस का रिसाव इसलिए हुआ, क्योंकि फैक्ट्री में वाल्व लीक हो गया था. कर्मचारियों ने कोशिश की, लेकिन उसे बंद नहीं कर पाए. दमकल की टीम ने मौके पर पहुंचकर वॉल्व को बंद किया.
दो कर्मचारियों की हालत गंभीर जानकारी के मुताबिक 2 कर्मचारियों की हालत गंभीर बताई जा रही है. अमोनिया गैस का रिसाव होने के चलते फैक्ट्री में अफरा-तफरी मच गई थी. 25 कर्मचारियों की जिंदगी खतरे में आ गई थी.
तीक्ष्ण गंध वाली रंगहीन गैस होती है अमोनिया गैस
अमोनिया एक तीक्ष्ण गंध वाली रंगहीन गैस होती है. यह हवा से हल्की होती है. इसको बनाने के लिए यूरिया, अमोनियम सल्फेट, अमोनियम फास्फेट, अमोनियम नाइट्रेट आदि रासायनिक खादों का उपयोग किया जाता है. अमोनिया के जलीय घोल को लिकर अमोनिया कहा जाता है. अमोनिया के उत्पादन में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर आता है.
अमोनिया गैस का रिसाव(फाइल फोटो) दूध और बर्फ कारखाने में होता है उपयोग
अमोनिया गैस का भारी मात्रा में उपयोग दूध प्लांट में होता है. इसके अलावा बर्फ बनाने के कारखाने में शीतलीकारक के रूप में अमोनिया का उपयोग किया जाता है. प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में इसका उपयोग किया जाता है. यही नहीं तरल अमोनिया का उपयोग कपड़ों से तेल, ग्रीज आदि के दाग को छुड़ाने के लिए किया जाता है. अमोनियम कार्बोनेट बनाने में इसका उपयोग किया जाता है. यही कारण है कि पूरी दुनिया में इसका व्यापक पैमाने पर उत्पादन होता है
रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रतीकात्मक फोटो अमोनिया गैस से होने वाले नुकसान
वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के मुताबिक, थोड़ी सी भी ज्यादा मात्रा में अमोनिया सूंघने पर जान जा सकती है. हवा में अमोनिया की उच्च सांद्रता का एक्सपोजर नाक, गले और श्वास नली के जलने का कारण बनता है. एक शोध में पाया गया इसे सहसा सूंघने पर आंख में आंसू आ जाता है. अधिक मात्रा से घुटन उत्पन्न होती है और मृत्यु भी हो जाती है.
अमोनिया के संपर्क में आने पर करें ये उपाय
किसी उद्योग,फैक्ट्री या अमोनिया टैंक से अमोनिया का रिसाव होकर यदि अचानक अमोनिया वातावरण में फैल जाती है ऐसे में आंख और चेहरे को काफी अधिक पानी से धोना चाहिए. दरअसल, अमोनिया जल में अति विलेय होती है इसलिए चेहरे को जल से धोने से यह घुलकर अलग हो जाती है.