नोएडा: 16 अक्टूबर को 'विश्व गठिया दिवस' के अवसर पर सेक्टर 11 स्थित मेट्रो अस्पताल एवं इदय संस्थान नोएडा में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इस दौरान गठिया रोग की वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. किरन सेठ ने बताया कि विश्व में रुमेटिक मस्कुलर स्केलेटन नामक बिमारी का स्तर काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है.
'विश्व गठिया दिवस' पर काटा गया केक. इसी बीच उन्होंने केक काटकर 'विश्व गठिया दिवस' मनाया और कहा कि इस बीमारी की वजह है हमारा खानपान, पर्यावरण, हमारे कार्य करने की शैली और उठने बैठने का तरीका सारी चीजे प्रभावित होती हैं. करीब 200 प्रकार की गठिया बीमारी पाई जाती है और इसके बारे में अभी तक लोगो में जागरुकता नहीं है.
गठिया के प्रकार
रुमेटोइड अर्थराइटिस, एन्काइलोंजिन्ग स्पोन्डलाइटिस और एस. एल. ई बहुत ही खतरनाक तरीके की गठिया है. इस प्रकार की गठिया बिमारी किसी भी वर्ग के व्यक्ति के शरीर पर प्रहार कर सकती है.
रुमेटोलॉजी एक ऐसी ब्रांच है, जो कि गठिया रोग के इलाज के साथ-साथ मरीजों को भविष्य में आने वाली परेशानियों जैसे कि जोड़ प्रत्यारोपण, आंखो का अंधापन, अस्थी-विकार और दिल की धमनियों जैसी गम्भीर बिमारीयों से बचाता है. उत्तेजक या सूजी हुई गठिया के लक्षण जैसे कि हल्का बुखार आना, वजन का लगातार कम होना, सुबह उठते ही 20 से 30 मिनट तक हाथों और पंजों में अकड़न होना है.