नई दिल्ली:एनजीटी की ओर से गठित कमेटी ने भूजल का अवैध दोहन करने और अनट्रिटेड सीवेज के पानी को ग्रीन बेल्ट एरिया में डालने पर एक बिल्डर पर 3.28 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की अनुशंसा की है. बता दें कि नोएडा के सेक्टर 77 स्थित अंतरिक्ष कानबाल सोसायटी के बिल्डर पर ये जुर्माना लगाने की सिफारिश की गई है. कमेटी ने इस अनुशंसा वाली रिपोर्ट को एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच को सौंपी है.
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की नहीं है सुविधा
इस कमेटी में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय भूजल प्राधिकार के प्रतिनिधि शामिल थे. कमेटी ने कहा कि बिल्डर ने 29 जनवरी 2011 से प्रोजेक्ट का काम शुरू किया था और दिसंबर 2014 से फ्लैटधारकों को कब्जा देना शुरू कर दिया था. बिल्डर ने दो बोरवेल लगाए हैं और रेनवाटर हार्वेस्टिंग के उपाय किए गए हैं, लेकिन वे कार्यशील नहीं हैं. अपार्टमेंट में 560 फ्लैट हैं, जिसमें 475 परिवार रह रहे हैं, लेकिन कोई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित नहीं किया गया है. कमेटी ने एनजीटी को बताया कि बिजली आपूर्ति के लिए 500 केवी का एक डीजल जेनरेटर लगाया गया है, लेकिन उस पर चिमनी नहीं लगाई गई है.
पर्यावरण नियमों का हुआ उल्लंघन
पिछले 19 सितंबर को एनजीटी ने कमेटी का गठन किया था. अंतरिक्ष कानबाल सोसायटी का बिल्डर परफेक्ट प्रोबिल्ड प्राईवेट लिमिटेड है. सोसायटी के निवासियों की ओर से वकील सालिक शफीक ने याचिका दायर कर कहा है कि बिल्डर ने 25 अगस्त 2010 को नोएडा अथॉरिटी से रिहायशी कांप्लेक्स बनाने के लिए स्वीकृति हासिल की थी.