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ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे से गोरखपुर के लिए पैदल ही निकले लोग

ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे से सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष अपना सामान उठाकर सड़कों पर पैदल और साइकिल से ही अपनी मंजिल की ओर चले जा रहे हैं. इनके साथ इनके छोटे-छोटे बच्चे भी हैं. ये सभी गोरखपुर जा रहे हैं.

ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे से गोरखपुर के लिए पैदल ही निकले लोग

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Published : May 7, 2020, 12:28 PM IST

ग्रेटर नोएडा:उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक सिटी नोएडा, लोगों को बेहतर भविष्य के सपने दिखाती है और अपनी ओर खींचती है. यहां के एजुकेशनल हब में बड़े रसूख वालों के बच्चे मोटी रकम देकर अपना भविष्य बनाने आते हैं.

वही अन्य प्रदेशों से बड़ी संख्या में मजदूर यहां बन रही गगनचुंबी इमारतों में मजदूरी करके रोजी रोटी कमाने आते हैं. जब आपदा आती है तो प्रशासन की प्राथमिकताओं में मजदूर हाशिए पर चला जाता है. ऐसी ही दो तस्वीरें नोएडा में देखने को इस हकीकत को बयां कर रही हैं.

साइकिल से निकले गोरखपुर के लिए लोग
ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष अपना सामान उठाकर सड़कों पर पैदल और साइकिल से ही अपनी मंजिल की ओर चले जा रहे हैं. इनके साथ इनके छोटे-छोटे बच्चे भी हैं.

इनके दृढ़ निश्चय को आंधी और तूफान भी नहीं डिगा पाया है और इनकी मंजिल गोरखपुर है. लॉकडाउन के दौरान कई ऐसी तस्वीरें और खबरें आईं और भविष्य में आती रहेंगी. बावजूद इसके सड़कों पर चल रही सैकड़ों लोगों की भीड़ प्रशासन के अधिकारियों को दिखाई नहीं देती है.

सभी जाना चाहते हैं अपने घर
भारत में कामगारों का 90 फीसदी हिस्सा असंगठित क्षेत्र है. इनकी संख्या करीब 42 करोड़ है. इनमें से लाखों मजदूर ऐसे हैं, जो हर दिन न कमाएं तो उनको भूखे मरने की नौबत आ सकती है. ये मजदूर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, नोएडा, गुड़गांव जैसे बड़े शहरों में अपने घर से दूर काम करने आते हैं. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के चलते भारत में 40 करोड़ लोग गरीबी के शिकार हो सकते हैं.

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