उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

नोएडा: '4 की जगह 1 रोटी से चला रहे काम, प्रशासन ने नहीं की मदद'

जिले स्थित शिव शक्ति अपार्टमेंट के लोगों ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उनके सामने आमदनी की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. लॉकडाउन में आमदनी का स्रोत न होने की वजह से घर का खर्च चलाना बेहद मुश्किल हो गया है.

स्थानीय.
स्थानीय.

By

Published : Jun 1, 2020, 4:21 PM IST

नोएडा:लॉकडाउन के पहले फेस से लेकर चौथे फेस तक चला और खत्म भी हो गया. इस दौरान सरकारों द्वारा लोगों की मदद के तमाम दावे किए गए, लेकिन जमीनी सच्चाई उससे बिल्कुल अलग है. नोएडा के सेक्टर- 71 स्थित शिव शक्ति अपार्टमेंट का हाल यह रहा कि वहां के रहने वाले लोगों को प्रशासन के द्वारा किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली.

जानकारी देते स्थानीय.

'लॉकडाउन में नहीं मिली कोई मदद'
शिव शक्ति अपार्टमेंट में लॉकडाउन के चौथे फेस के खत्म होने के साथ ईटीवी भारत की टीम ने वहां रह रहे लोगों से बात की. इस बातचीत में लोगों ने बताया कि लॉकडाउन के पहले दिन से आखरी दिन तक जिला प्रशासन द्वारा उन्हें किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली है. जबकि कई बार प्रशासन से मदद की गुहार लगाई गई थी.

वहीं लोगों ने आगे बताया कि सेक्टर के आसपास और अंदर मेडिकल स्टोर, राशन की दुकान और मार्केट नहीं है. इसकी वजह से लोगों को सब्जी से लेकर राशन तक लेने में समस्या का सामना करना पड़ा, क्योंकि प्रशासन द्वारा सेक्टर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी.

RWA के पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि सेक्टर के अंदर कुछ ऐसे परिवार भी थे, जिन्हें राशन और खाने-पीने की समस्या आई. इसके बाद सेक्टर वासियों ने ही रोटी टीम बनाकर लोगों को राशन और खाना देने का काम किया.

'घर का खर्च चलाना हो गया मुश्किल'
शिव शक्ति अपार्टमेंट की रहने वाले लोगों ने बताया कि उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि आमदनी का स्रोत न होने से घर का खर्च चलाना बड़ा ही मुश्किल हो गया. एक निवासी ने बताया कि उनके घर का खर्च पार्लर से चलता था जो लॉकडाउन में बंद हो गया था, जिसके चलते घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया.

वहीं कंपनियों में काम करने वाले लोग और दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में नोएडा से जाकर काम करने वाले लोगों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रशासन से इजाजत न मिलने के चलते तनख्वाह भी नहीं मिली. इसकी वजह से घर का खर्च उठाने के साथ ही मकान का किराया देना मुश्किल हो गया है. आलम यह है कि चार रोटी की जगह एक रोटी से ही काम चलाना पड़ रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details