उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

'किसानों को भ्रमित न करे सरकार, मांगों पर बात नहीं बनी तो जाएंगे दिल्ली'

भारतीय किसान यूनियन भानु के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकार तीनों कृषि बिल वापस ले, एमएसपी की गारंटी कानून बनाए और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसान 26 जनवरी को दिल्ली कूच करेंगे.

noida news
किसानों ने कहा मांगों पर बात नहीं बनीं तो जाएंगे दिल्ली.

By

Published : Jan 21, 2021, 2:57 PM IST

नोएडा: 10वें दौर की वार्ता के बाद सरकार ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए 2 साल के लिए कानून को होल्ड करने के प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने पर विचार करने की बात कही है. 22 जनवरी को सरकार और किसान नेता एक बार फिर से वार्ता करेंगे. हालांकि चिल्ला बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन भानु के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकार तीनों कृषि बिल वापस करे, एमएसपी की गारंटी कानून बनाए और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसान 26 जनवरी को दिल्ली कूच करेंगे और उन्हें कोई भी ताकत नहीं रोक सकेगी.

किसानों ने कहा मांगों पर बात नहीं बनीं तो जाएंगे दिल्ली.

किसानों की ये हैं तीन मांगें

भारतीय किसान यूनियन भानु के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने सरकार के सकारात्मक रूख का स्वागत किया और कहा कि फिलहाल कानूनों पर रोक लगा दें, लेकिन आने वाले वक्त में कानून को रद्द किया जाए. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक तीनों कृषि बिल वापस नहीं हो जाते, एमएसपी की गारंटी कानून नहीं बनता और साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की बात कही थी, उसे लागू नहीं किया जाता तब तक किसान चिल्ला बॉर्डर पर डटे रहेंगे और प्रदर्शन जारी रहेगा. इसके अलावा उन्होंने 26 जनवरी को दिल्ली कूच की चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी ताकत किसानों को परेड में शामिल होने से नहीं रोक सकती.

यह भी पढ़ेंः-सार्थक दिशा में बढ़ रही है वार्ता, 22 को समाधान की संभावना : कृषि मंत्री

'सरकार, किसानों को भ्रमित न करें'

प्रदर्शन कर रहे किसान अशोक चौहान ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार दोनों ही बात कर रही है. 2 साल के लिए किसान कानून को भूल जाएंगे. उसके बाद अगर कानून लागू करती है तो एक बार फिर से क्या किसान आंदोलन करेंगे? क्या फिर से एक बार किसान अपनी जान देंगे? सरकार किसानों के प्रति स्पष्ट रुख अख्तियार करे वरना किसान इस बार पीछे हटने वाले नहीं हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details