नोएडाःनोएडा प्राधिकरण ने डीएलएफ मॉल से 235 करोड़ रुपये वसूलने का नोटिस जारी कर दिया है. उसने भुगतान के लिए 15 दिन का समय दिया है. मॉल से पैसा लेकर प्राधिकरण बेंगलुरु के रहने वाले वीराना रेड्डी को देगा. यह पूरा मामला मॉल ऑफ इंडिया (Mall Of India) के जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है. 5 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण को रेड्डी को मुआवजा देने का आदेश दिया था. इसके बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई है.
जमीन अधिग्रहण से जुड़ा यह मामला पिछले 17 सालों से कोर्ट में चल रहा है. प्राधिकरण ने साल 2005 में भूमि मालिक वीराना रेड्डी से लगभग 7,400 वर्गमीटर के प्लॉट का अधिग्रहण किया था. रेड्डी ने बाद में इस आधार पर अधिग्रहण पर आपत्ति जताई कि प्रस्तावित मुआवजा अनुचित था. 31 जनवरी 2011 को गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने 18,00,481 रुपये मुआवजा और 181.87 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से ब्याज देने का फैसला किया. जिसे रेड्डी ने अस्वीकार कर दिया था.
24 अप्रैल 1997 रेड्डी ने खरीदी थी जमीनःजिस जमीन पर डीएलएफ मॉल बना है, वह जमीन कभी बेंगलुरु के रहने वाले विराना रेड्डी की हुआ करती थी. इस जमीन को रेड्डी ने 24 अप्रैल 1997 को छलेरा के रहने वाले एक किसान से खरीदा था. उसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने इस जमीन का अधिग्रहण कर लिया और भूखंड योजना निकालकर डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड कंपनी को दे दिया. आज इसी जमीन पर नोएडा का शानदार डीएलएफ मॉल बना है. आरोप लगा था कि नोएडा प्राधिकरण ने गलत तरीके से जमीन का अधिग्रहण किया.